Central government employees: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। मार्च महीने में सरकार केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) के महंगाई भत्ता (DA) के साथ बढ़ी हुई सैलरी का भुगतान कर देगी. सैलरी में इजाफा होना तय है।
आपको बता दे कि 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स (Pensioners) को इसका फायदा मिलेगा। महंगाई भत्ते (DA Hike) में 4 फीसदी का इजाफा होगा. पीएम मोदी इस पर मुहर लगाएंगे।
42% हो जाएगा DA
Labor Ministry के मुताबिक, दिसंबर 2022 में All India Consumer Price Index for Industrial Workers (AI CPI-IW) का आंकड़ा 132.3 पर पहुंचा था. इससे कर्मचारियों के DA में 4 फीसदी का इजाफा हुआ है. 38 फीसदी से बढ़कर 42 फीसदी DA मिलेगा. कर्मचारियों को मार्च की सैलरी में इसका भुगतान किया जा सकता है.
1.20 लाख रुपए तक कैसे मिलेगा फायदा?
केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई के अनुपात में पैसा मिलता है. ऐसे में 4 फीसदी DA में इजाफा निश्चित तौर पर राहत की बात है. अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 30 हजार रुपए महीना है तो इससे उसकी तनख्वाह 1200 रुपए महीना बढ़ेगी. सालाना आधार पर देखें तो सीधे उनकी ग्रॉस सैलरी में 14,400 रुपए बढ़ जाएंगे. कैबिनेट सचिव स्तर के अफसरों की सैलरी 10,000 रुपए महीना बढ़ेगी. मतलब सबसे ज्यादा ढाई लाख रुपए महीना बेसिक सैलरी होती है, उन्हें सालाना आधार पर 1 लाख 20 हजार रुपए का फायदा होगा।
क्या होता है Dearness Allowance?
महंगाई भत्ता (Dearness allowance) ऐसा पैसा है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर (Cost of Living) को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर में कोई फर्क न पड़े. ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है।
हर 6 महीने में होता है बदलाव
डियरनेस अलाउंस (Dearness allowance) कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. यह भत्ता सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को दिया जाता है. महंगाई भत्ता इसलिए दिया जाता है कि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारियों को अपना जीवन-यापन करने में कोई परेशानी न हो. आमतौर पर हर 6 महीने, जनवरी और जुलाई में Dearness Allowance में बदलाव किया जाता है।
अलग-अलग होता है DA
महंगाई भत्ता (Dearness allowance) कर्मचारियों के वेतन के आधार पर दिया जाता है. शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता अलग-अलग होता है. डियरनेस अलाउंस की गणना मूल सैलरी पर होती है. महंगाई भत्ते की गणना के लिए एक फार्मूला तय किया गया है, जोकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price index या CPI) से तय होता है।
ये फॉर्मूला होता है इस्तेमाल
महंगाई भत्ते का फीसदी = पिछले 12 महीने का CPI का औसत-115.76. अब जितना आएगा उसे 115.76 से भाग दिया जाएगा. जो अंक आएगा, उसे 100 से गुणा कर दिया जाएगा।