रिपोर्ट : कार्तिक उपाध्याय
राज्य में स्वास्थ्य विभाग में लगातार भ्रष्टाचार के कारनामें मसामने आते रहते हैं,कभी स्वास्थ्य विभाग 12 लाख की मशीन को 40 लाख में खरीदता है,तो विभाग में होने वाली हर भर्ती पर सवाल खड़े होने लगते हैं
स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग भर्ती के लिए देहरादून और हल्द्वानी में एक व्यापक आंदोलन हुआ कि इस भर्ती को वर्षवार किया जाए क्योंकि राज्य में लगातार पेपर लीक प्रकरण सामने आ रहे थे,ऐसे में उच्च न्यायालय द्वारा भी वन टाइम सेटलमेंट कर नर्सिंग भर्ती को वर्षवार करने के आदेश जारी हुए।
स्वास्थ्य विभाग ने भर्ती तो वर्षवार कर दी लेकिन उसके बाद अब सुगम दुर्गम जगह पर नियुक्ति का खेल आज भी जारी है,जो स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है
बताते चलें कि जनवरी में मिले नियुक्ति पत्र में 30 दिनों के भीतर नर्सिंग अधिकारियों को अपने-अपने चिकित्सालय में जॉइनिंग लेनी थी,इस बार कुछ ऐसा हुआ कि कुमाऊं के दुर्गम दूरस्थ इलाकों से किसी को गढ़वाल के अस्पतालों में भेज दिया गया तो,किसी को गढ़वाल से कुमाऊं भेजा गया।
परंतु कुछ ऐसे भी नर्सिंग अधिकारी हैं जिन्हे उनके गृह क्षेत्र में नियुक्ति मिल गई अब यह किस आधार पर और कैसे मिली यह कह पाना बड़ा मुश्किल है।
वही बात करें तो इस सारे प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी एक चयनित नर्सिंग अधिकारी द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है,परंतु अब तक उसपर पूर्ण रूप से कोई कार्यवाही नहीं हुई है
उदाहरण के तौर पर 1564 पदों पर नियुक्त महिला नर्सिंग अधिकारी श्रीमती पुष्पा देवी को रुद्रप्रयाग जिला आवंटित किया गया था लेकिन उन्होंने वर्तमान में डोईवाला सीएचसी में ज्वाइन किया(उनसे बात करने पर उन्होंने कहा कि वह अभी संशोधित नियुक्ति पत्र नहीं से सकती)यह जॉइनिंग किस आधार पर हुई यह अब तक पता नहीं,हालांकि इस जॉइनिंग से यह जरूर पता चलता है कि ट्रांसफर पॉलिसी का सीधा उल्लंघन इस नियुक्ति में किया गया है।
वहीं अन्य उदाहरण की बात करें तो नर्सिंग अधिकारी वंदना पांथरी जिन्हें पौड़ी नियुक्ति मिली थी उन्होंने देहरादून ज्वाइन करा(उनका कहना हैं कि उनका पौड़ी वाला नियुक्ति पत्र निरस्त कर देहरादून का नया नियुक्ति पत्र बना हैं और उन्होंने देहरादून ज्वाइन करा हैं),ज्ञानेंद्री तोमर जिन्हें बागेश्वर नियुक्ति मिली थी उन्होंने हरिद्वार ज्वाइन करा,सारिका जिन्हें उत्तरकाशी नियुक्ति मिली थी देहरादून ज्वाइन करा,अनिता जोशी जिन्हें पौड़ी गढ़वाल मिला था बागेश्वर ज्वाइन करा,मनोज लूंठी जिन्हें उत्तरकाशी दिया गया था मुनस्यारी ज्वाइन करा(उनसे बात करने पर उन्होंने कहा कि डीजी हेल्थ कार्यालय के माध्यम से उनका नियुक्ति पत्र संशोधित किया गया उन्होंने कार्यालय को प्रार्थना पत्र दिया था उनके परिवार में उनकी माताजी पिताजी का ऑपरेशन हुआ हैं जिस कारण उन्हें मुनस्यारी ज्वाइन दी जाएं),ललिता मेहर जिन्हें टिहरी दिया गया उन्होंने उत्तरकाशी ज्वाइन किया,रेखा पाल जिन्हें पिथौरागढ़ मिला हरिद्वार जॉइन किया,आरती चंपावत से हरिद्वार जॉइन किया यह सीएम पोर्टल पर करी गई कंप्लेंट में उल्लेखित नाम है।
अब सवाल यह है कि आखिर नियुक्ति पत्र में जिस चिकित्सालय में जॉइनिंग लेनी थी वहां ना लेकर अन्य चिकित्सालय में किस आधार पर या किस ट्रांसफर पॉलिसी के तहत जॉइनिंग दी गई क्या ट्रांसफर के लिए भ्रष्टाचार का रास्ता अपनाया गया है?
जो भी हो आवश्यक है नर्सिंग भर्ती में हुए इस खेल की जांच की जाए एवं ऐसी सभी की नियुक्ति को निरस्त कर नियुक्ति पत्र के आधार पर अस्पतालों में जॉइनिंग दी जाए या फिर सभी के लिए एक समान नियमावली लागू की जाए।
हालांकि जब इस संदर्भ में डीजी हेल्थ डॉ विनीता शाह जी से हमने वार्ता करी तो उन्होंने कहा मुझे एक बार यह चेक करना होगा।
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