उत्तराखंड राज्य में बेसिक से लेकर इण्टरमीडिएट तक के एक हजार स्कूलों को सुविधा संपन्न बना कर उत्कृष्ट विद्यालय बनाये जायेंगे।
आपको बता दे कि शिक्षकों सहित तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। बाल्य देखभाल अवकाश पर जाने वाले शिक्षकों के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था बनाने को भी कहा गया है।
मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज जिला मुख्यालय स्थित सभागार में शिक्षा विभाग जनपद देहरादून के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें अधिकारियों को विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती, विद्यालय भवन, खेल मैदान, खेल सामग्री, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, बाउंड्रीवाल, बिजली, पानी तथा शौचालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।
आपको बता दे कि शिक्षकों सहित तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। बाल्य देखभाल अवकाश पर जाने वाले शिक्षकों के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था बनाने को भी कहा गया है।
विभागीय मंत्री ने कहा कि शिक्षकों के बाल्य देखभाल अवकाश पर जाने से छात्रों की पढ़ाई में व्यवधान आ जाता है, जिसको दूर करने के लिए विभागीय अधिकारियों को वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये गये हैं। इससे पूर्व विभाग की ओर से मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ0 मुकुल सती ने पॉवर प्वाइंट के माध्यम से जनपद की शिक्षा व्यवस्था का विस्तारपूर्वक प्रस्तुतिकरण दिया।
उन्होंने बताया कि जनपद में कुल 2514 स्कूल संचालित किये जा रहे हैं। जिनमें 1296 राजकीय विद्यालय, 1044 निजी विद्यालय, 110 राजकीय अनुदान प्राप्त विद्यालय, 18 केन्द्रीय विद्यालय, 14 जनजातीय विद्यालय, 23 अन्य संस्थाओं के विद्यालय शामिल हैं। इन विद्यालयों में कुल 4 लाख 33 हजार 173 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इसके अलावा जनपद में आईसीडीएस द्वारा संचालित 1907 आंगनबाड़ी केन्द्र तथा राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के अंतर्गत संचालित 295 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। जबकि जनपद के 20 विद्यालयों में टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी, इलेक्ट्रनिक्स एंड हार्डवेयर, ब्यूटी एंड वैलनेस, आईटी, कृषि आदि विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।
बैठक में जिलाधिकारी देहरादून डॉ0 आर0 राजेश कुमार, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी एस0एम0 डोभाल, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ0 मुकुल सती, डीईओ माध्यमिक एस.एस. बिष्ट, डीईओ बेसिक राजेन्द्र सिंह रावत सहित जनदप के सभी छह विकासखण्डों के खण्ड शिक्षा अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।