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देहरादून में बड़ा खुलासा: आलीशान विला प्रोजेक्ट में नहीं लगाया गया एसटीपी, पर्यावरण को भारी नुकसान
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक बार फिर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की लापरवाही उजागर हुई है। बंशीवाला क्षेत्र में स्थित ‘सेरेन ग्रीन्स’ आवासीय परियोजना में बिना सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) लगाए गंदा पानी खुले में बहाया जा रहा था। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस गंभीर लापरवाही पर बिल्डर पर ₹69.12 लाख का जुर्माना लगाया है।
करोड़ों की परियोजना, लेकिन बुनियादी सुविधा नहीं
सेरेन ग्रीन्स हाउसिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत 2013 में हुई थी और 2019-20 तक इसका निर्माण पूरा हो चुका था। इसमें कुल 65 लग्जरी विला बनाए गए, लेकिन सीवेज के निस्तारण के लिए जरूरी एसटीपी का निर्माण आज तक नहीं किया गया। इसके चलते सीवर का गंदा पानी आसपास खुले में बह रहा था, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा था।
सोसाइटी की शिकायत पर हुई कार्रवाई
सेरेन ग्रीन्स वेलफेयर सोसाइटी ने इस मामले की शिकायत एमडीडीए, जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की थी। जांच में गंदे पानी के सैंपल लिए गए, और आरोप सही पाए गए। इसके बाद पर्यावरणीय क्षति के आकलन के आधार पर 69 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया गया।
नक्शों में फर्जीवाड़ा, सड़क की चौड़ाई बढ़ा कर दिखाया
बिल्डर कंपनी जैमिनी पैकटेक प्रा. लि. द्वारा इसी परियोजना से जुड़े एक अन्य भूखंड पर 8 मंजिला इमारत का निर्माण भी किया जा रहा है। इसमें 7.5 और 9 मीटर चौड़ी सड़कों को नक्शे में 12 मीटर दिखा कर पास करा लिया गया था।
एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी द्वारा गठित जांच कमेटी ने इस अनियमितता की पुष्टि की, जिसके बाद निर्माण पर रोक लगा दी गई। हालांकि मौके पर अभी भी कार्य जारी है।
ग्रीन बेल्ट पर पार्किंग, ईडी की जमीन पर अतिक्रमण
एमडीडीए की जांच में यह भी सामने आया कि ग्रीन एरिया की प्रस्तावित भूमि पर पार्किंग का निर्माण किया गया है। बिल्डर ने ग्रीन बेल्ट में खुदाई कर रास्ता चौड़ा करने की कोशिश की थी।
इतना ही नहीं, परियोजना परिसर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अटैच की गई भूमि पर भी कब्जा कर लिया गया था, जिसे ईडी ने सीमांकन कर छुड़ाया और मामला दर्ज किया।
मंडलायुक्त से भी की गई शिकायत
सेरेन ग्रीन्स के विला निवासियों ने अब गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडे से लिखित शिकायत करते हुए मांग की है कि:
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बिल्डर की मनमानी पर तत्काल रोक लगाई जाए
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सभी मूलभूत सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं
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जब तक जांच पूरी न हो, नए निर्माण कार्य पूरी तरह रोके जाएं
सोसाइटी की ओर से यह शिकायत अध्यक्ष राजकुमारी त्यागी और सचिव नरेंद्र सिंह नेगी ने दर्ज कराई है।