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देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल एवं इंडियन रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग एसोसिएशन (आई.आर.आई.ए.) के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय निरंतर चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम (Continuing Medical Education – CME) का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अल्ट्रासाउंड के माध्यम से गर्भवती माताओं के भ्रूण के स्वास्थ्य, संरचना एवं संभावित बीमारियों की जाँच के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज शर्मा, श्री गुरु राम राय मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के प्राचार्य डॉ. अशोक नायक, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. उत्कर्ष शर्मा और रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव आजाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
स्वागत भाषण में डॉ. राजीव आजाद ने सभी अतिथियों एवं चिकित्सकों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए सी.एम.ई. कार्यक्रम के उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि डॉ. मनोज शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि “फिटल चरण जीवन की पहली शुरुआत है और फिटल अल्ट्रासाउंड चिकित्सा विज्ञान में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।” उन्होंने यह भी बताया कि भ्रूणीय इमेजिंग के माध्यम से अजन्मे बच्चों में संभावित बीमारियों का समय रहते पता लगाकर उपचार संभव हो पाता है। उन्होंने रेडियोलॉजिस्ट और क्लीनिशियनों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने पर बल दिया।
प्राचार्य डॉ. अशोक नायक ने परीक्षणों के साथ-साथ नैदानिक निर्णय के महत्व को रेखांकित किया, वहीं डॉ. उत्कर्ष शर्मा ने युवा रेडियोलॉजिस्टों को क्लीनिशियनों के साथ तालमेल बनाकर कार्य करने की सलाह दी।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं फिटल इमेजिंग विशेषज्ञ, एडवांस डायग्नोस्टिक्स गाजियाबाद तथा एपैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ फिटल एंड रिप्रोडक्टिव साइंसेज के निदेशक डॉ. कृष्ण गोपाल ने अल्ट्रासाउंड द्वारा भ्रूण के मूल्यांकन की नवीनतम तकनीकों पर विस्तृत व्याख्यान दिया। डॉ. ममता और डॉ. कनिका ने फिटल इमेजिंग का लाइव डेमो भी प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में 100 से अधिक युवा चिकित्सकों ने भाग लेकर अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड तकनीकों की जानकारी प्राप्त की। इस आयोजन को सफल बनाने में रेडियोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ. वी.के. शर्मा, डॉ. विशाल ठक्कर, डॉ. मनाली अरोड़ा ठक्कर, डॉ. लवप्रीत रंधावा और डॉ. देवकांत लखेड़ा का विशेष योगदान रहा।