स्वस्थ बच्चे, सशक्त समाज की नींव – सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधारने की दिशा में जिला प्रशासन की बड़ी पहल
देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (पीएम पोषण योजना) की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान उन्होंने जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं की स्थिति पर गहन चर्चा की और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
125 स्कूलों में किचन नहीं, डीएम ने जताई नाराजगी
बैठक में जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि जिले के 125 विद्यालयों में रसोईघर नहीं हैं। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए डीएम ने मौके पर ही शिक्षा विभाग को 1 करोड़ रुपये की राशि “अनटाइड फंड” से जारी करने के निर्देश दिए।
लोहे के बर्तन अनिवार्य, एल्यूमीनियम बर्तनों पर तत्काल रोक
डीएम ने निर्देश दिए कि मध्याह्न भोजन पकाने में केवल लोहे या स्टील के बर्तनों का प्रयोग किया जाए। एल्यूमीनियम के बर्तनों को तुरंत रिजेक्ट किया जाए। साथ ही विद्यालयों को निर्देशित किया गया कि वे आवश्यक बर्तनों की खरीद स्कूल ग्रांट से करें, और यदि बजट की कमी हो तो ‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ से सहायता दी जाएगी।
50 स्कूलों में भोजन माता की सहायक के रूप में स्थानीय महिलाओं की नियुक्ति
राज्य में पहली बार देहरादून जिले के अधिक छात्र संख्या वाले 50 विद्यालयों में भोजन माता की सहायक के रूप में एक स्थानीय महिला की तैनाती की जा रही है। डीएम ने निर्देश दिए कि यह नियुक्ति निर्धारित मानदेय दर पर हो और जिला योजना से इसके लिए बजट आवंटित किया जाए। इससे स्थानीय महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।
695 जीर्णशीर्ण किचनों की मरम्मत जिला योजना में शामिल
जिले में 695 स्कूल किचन जर्जर अवस्था में हैं, जिनमें से 91 की हालत अत्यंत खराब है। जिलाधिकारी ने सभी किचनों की मरम्मत कार्य को जिला योजना में शामिल कर प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मरम्मत हेतु खनन न्यास निधि से भी बजट उपलब्ध कराया जाएगा।
पीएम पोषण योजना में गुणवत्ता पर जोर
डीएम सविन बंसल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और पोषण तत्वों का विशेष ध्यान रखा जाए। बच्चों के भोजन में प्रोटीन, कैलोरी, विटामिन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपस्थिति सुनिश्चित होनी चाहिए। भोजन साफ-सुथरे और स्वच्छ तरीके से पकाया और परोसा जाए।
14 विद्यालयों में जल संयोजन की समस्या होगी दूर
जिले के 14 स्कूलों में पेयजल संयोजन की अनुपलब्धता पर डीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत जल्द ही इन विद्यालयों में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
आरबीएसके के तहत 9971 बच्चों की जांच, 379 को मिला उपचार
आरबीएसके टीम द्वारा अप्रैल माह में जिले के 118 विद्यालयों में 9971 छात्रों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें 379 बच्चों में रक्त अल्पता, चर्म रोग, नेत्र रोग, दंत रोग आदि पाए गए। सभी बच्चों का उपचार किया जा रहा है।
डीएम का संदेश – बच्चों की पोषण सुरक्षा है प्रशासन की जिम्मेदारी
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चे समाज का सूद हैं और उनका स्वस्थ रहना एक मजबूत भविष्य की नींव है। बच्चों को सुरक्षित, पौष्टिक और संतुलित आहार उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है।
बैठक में मौजूद रहे
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती, एसीएमओ डॉ. नरेंद्र कुमार, आरबीएसके मैनेजर गीता शर्मा, जिला पूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल, डीपीओ जितेंद्र कुमार समेत खंड शिक्षा अधिकारी और अन्य विभागीय अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।