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सरस्वती शिशु मंदिर को बताया गया मदरसा, 154 मुस्लिम छात्रों का दावा
सरकार को जब NSP पोर्टल पर सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से 154 मुस्लिम छात्रों की छात्रवृत्ति दर्ज मिली, तो अधिकारियों के भी होश उड़ गए। जांच में सामने आया कि यह स्कूल अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है, लेकिन इसके संचालक का नाम मोहम्मद शारिक अतीक बताया गया है। इसी के बाद मुख्यमंत्री ने विशेष सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग डॉ. पराग मधुकर धकाते को पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच सौंपी है।
456 छात्रों की जानकारी संदिग्ध, 6 मदरसे जांच के घेरे में
वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए उधम सिंह नगर जिले के कुल 796 छात्रों के दस्तावेज मांगे गए थे, जिनमें से 6 कथित मदरसों के 456 छात्रों की जानकारी संदिग्ध पाई गई है। जिन संस्थानों पर विशेष जांच चल रही है, वे हैं:
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नेशनल अकादमी जेएमवाईआईएच एस, काशीपुर: 125 मुस्लिम छात्र, संचालक – गुलशफा अंसारी
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मदरसा अल जामिया उल मदरिया: 27 छात्र, संचालक – मोहम्मद फैजान
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मदरसा अल्बिया रफीक उल उलूम, बाजपुर: 39 छात्र, संचालक – जावेद अहमद
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मदरसा जामिया आलिया, गदरपुर: 24 छात्र, संचालक – संभवतः वही जावेद अहमद
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मदरसा जामिया रजा उल उलूम, बाजपुर: 85 छात्र, संचालक – इरशाद अली
दो सप्ताह में मांगी रिपोर्ट, बैंक खातों और दस्तावेजों की भी जांच
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश के तहत स्कॉलरशिप लेने वाले सभी शिक्षण संस्थानों, संचालकों और छात्रों के दस्तावेज, बैंक खातों और पहचान पत्रों की गहन जांच की जा रही है। सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस दिशा में 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
राज्यभर में स्कॉलरशिप पोर्टल पर दर्ज आवेदनों की जांच शुरू
विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि सरस्वती शिशु मंदिर के मामले से जुड़ी अनियमितता सामने आने के बाद अन्य मदरसों के आवेदनों पर भी संदेह गहराया है। इसलिए पूरे उत्तराखंड में जांच का दायरा बढ़ाया गया है। साथ ही, केंद्र सरकार से भी इस विषय में सहयोग मांगा गया है।
सीएम धामी का स्पष्ट संदेश – भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “छात्रवृत्ति योजनाओं में किसी प्रकार की धांधली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देवभूमि को भ्रष्टाचार से मुक्त रखना हमारी प्राथमिकता है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
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