उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों के दौरान वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम शामिल किए जाने को लेकर दाखिल तीन जनहित याचिकाओं पर अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अब चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं, ऐसे में यदि किसी प्रत्याशी या वोटर को आपत्ति है, तो वह चुनाव याचिका दाखिल कर सकता है।
किन याचिकाओं पर हुई सुनवाई?
हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने नैनीताल जिले की बुधलाकोट ग्रामसभा, उधम सिंह नगर की कई ग्राम सभाओं, और बड़कोट नगर पालिका (उत्तरकाशी) से जुड़ी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की।
राज्य निर्वाचन आयोग का पक्ष
राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट को बताया कि:
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याचिकाकर्ताओं की शिकायतों पर वोटर लिस्ट का पुनरावलोकन किया गया।
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जिनके नाम गलत पाए गए, उन्हें सूची से हटाया गया है।
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वीडीओ द्वारा बिना सत्यापन के जो नाम जोड़े गए, उस वी.डी.ओ. को निलंबित किया गया है।
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बड़कोट में भी संबंधित कार्रवाई जारी है।
क्या था याचिकाकर्ता का आरोप?
बुधलाकोट निवासी आकाश बोरा ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए कहा:
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उनके गांव की वोटर लिस्ट में 82 बाहरी लोगों के नाम जोड़े गए, जिनमें अधिकांश उड़ीसा और अन्य राज्यों से हैं।
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शिकायत के बाद एसडीएम ने जांच कमेटी गठित की, जिसने 18 बाहरी लोगों की पहचान की।
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इसके बावजूद, उनके नाम अंतिम वोटर लिस्ट से नहीं हटाए गए।
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याचिकाकर्ता ने 30 और संदिग्ध नामों की अतिरिक्त सूची कोर्ट को सौंपी।
कोर्ट ने आयोग से पूछे ये अहम सवाल:
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क्या वोटर लिस्ट तैयार करते समय आधार कार्ड, वोटर ID, राशन कार्ड या स्थायी निवास प्रमाण की जांच की गई?
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या केवल मौखिक जानकारी के आधार पर नाम जोड़ दिए गए?
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कोर्ट ने आयोग से इस प्रक्रिया का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने को भी कहा।
पंचायत चुनाव परिणाम की स्थिति
उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 के परिणामों की स्थिति:
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जिला पंचायत सदस्य: 358 में से सभी सीटों के परिणाम घोषित।
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क्षेत्र पंचायत सदस्य: 2,974 में से 2,972 पदों पर परिणाम घोषित।
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ग्राम प्रधान: 7,499 में से 7,479 सीटों पर परिणाम घोषित।
अब केवल 20 सीटों के नतीजे आना बाकी हैं।
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