देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति (DCWPC), बाल कल्याण समिति (CWC), चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और भिक्षावृत्ति निवारण अभियान/इंटेंसिव केयर सेंटर, साधूराम इंटर कॉलेज, राजा रोड देहरादून की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गई।
“भिक्षा से शिक्षा” — सड़क पर बिखरे बचपन को मिल रही नई दिशा
मुख्यमंत्री की प्रेरणा से शुरू हुई “भिक्षा से शिक्षा” पहल देहरादून प्रशासन की एक स्वर्णिम पहल साबित हो रही है। इस आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर के माध्यम से सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों को संगीत, योग, खेल और शिक्षा से जोड़ा जा रहा है, जिससे उनका ध्यान पढ़ाई और सकारात्मक गतिविधियों की ओर मोड़ा जा सके।
अब तक दो चरणों में 82 बच्चों को रेस्क्यू कर स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है —
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पहले चरण में 51 बच्चों को विभिन्न स्कूलों में
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दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड और साधूराम इंटर कॉलेज में दाखिला दिलाया गया।
इन बच्चों के लिए ₹1.5 करोड़ की लागत से साधूराम इंटर कॉलेज में आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है।
बालगृहों में रह रहे बच्चों के लिए आधार, राशन, आयुष्मान और स्वास्थ्य शिविर लगेंगे
जिलाधिकारी सविन बंसल ने निर्देश दिए कि सभी बालगृहों में निवासरत बच्चों के लिए
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आधार कार्ड और अपडेटेशन कार्य
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स्थायी निवास, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड
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स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण
के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे।
इसके लिए ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को शेड्यूल तय कर आधार ऑपरेटर और मशीन के साथ बालगृहों में पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
बालगृहों में कार्यरत कर्मचारियों का रेंडम पुलिस सत्यापन अनिवार्य
जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि बालगृहों में तैनात सभी कार्मिकों का थाना-वार रेंडमली सत्यापन किया जाए ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वहीं, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को निर्देशित किया गया कि 10 दिनों के भीतर सभी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में RBSK टीम भेजकर स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण कराया जाए।
भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए तैनात हैं विशेष टीमें और वाहन
भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए अंतरविभागीय टीम और तीन विशेष रेस्क्यू वाहन तैनात किए गए हैं।
इन टीमों में होमगार्ड, चाइल्ड हेल्पलाइन, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, पुलिस विभाग सहित कई एनजीओ शामिल हैं, जो लगातार पेट्रोलिंग करते हुए बच्चों को रेस्क्यू कर रहे हैं।
बाल संरक्षण समितियां होंगी सक्रिय — 5% बजट बच्चों के कल्याण पर व्यय होगा
जिलाधिकारी ने वार्ड और ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए।
साथ ही नगर आयुक्त (नगर निगम देहरादून/ऋषिकेश) और जिला पंचायती राज अधिकारी को कहा गया कि
मिशन वात्सल्य गाइडलाइन के तहत ब्लॉक, ग्राम, नगर पंचायत, नगरपालिका और नगर निगम में समितियों का गठन सुनिश्चित किया जाए।
इन समितियों के लिए अनटाइड ग्रांट का 5% हिस्सा बच्चों के कल्याण और सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा।
मुख्य मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक में निम्न प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई —
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जिला बाल संरक्षण समिति / चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की कार्यप्रणाली
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विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी, नए बाल गृहों और खुला आश्रय गृहों का पंजीकरण
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मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लाभार्थी बच्चों का फॉलो-अप और सत्यापन
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मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत संचालित स्पॉन्सरशिप लाभार्थियों की समीक्षा
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अनाथ बच्चों के प्रमाण पत्र, आधार, राशन और आयुष्मान कार्ड बनवाने की प्रक्रिया
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बालश्रम, भिक्षावृत्ति, नशे और बाल विवाह से जुड़े मामलों पर कार्रवाई
दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षा व्यवस्था
श्री सत्य साई सेवा आश्रम, आमवाला देहरादून में निवासरत दिव्यांग बालकों के लिए राजकीय प्राथमिक विद्यालय आमवाला (ब्लॉक सहसपुर) में विशेष शिक्षक की नियुक्ति के निर्देश जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिए।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्रा,
मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट,
जिला पूर्ति अधिकारी के.के. अग्रवाल, जिला बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष नमिता ममगांई,
पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर एवं विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
निष्कर्ष
देहरादून जिला प्रशासन की “भिक्षा से शिक्षा” पहल न केवल सड़कों से बच्चों को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित जीवन दे रही है, बल्कि उनके भविष्य को शिक्षा, संगीत और संस्कारों से सशक्त भी बना रही है। यह अभियान राज्य में बाल संरक्षण और सामाजिक पुनर्वास की दिशा में एक आदर्श मॉडल बनकर उभर रहा है।












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