देहरादून: आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा नौकरी लगाने के नाम कुछ विभिन्न एजेंटों द्वारा अभ्यर्थियों चयनित पैसे दिए जाने की शिकायतों उत्तराखंड शासन ने संज्ञान लिया तो महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास सचिव हरीश चंद्र सेमवाल ने इस तरह की शिकायतों को लेकर अभ्यर्थियों को सतर्क किया तो।
सचिव हरीश चंद्र सेमवाल ने कहा कि वर्तमान में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड द्वारा संचालित विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं में आउटसोर्स के आधार पर विभिन्न पदों पर कार्मिकों की आपूर्ति के लिए ई निविदा के माध्यम से चयनित एजेंसी को उपरोक्त योजनाओं के लिए स्वीकृत पदों के सापेक्ष कार्मिको की आपूर्ति के लिए मांग प्रेषित की गई है।
सशक्तीकरण सशक्तिकरण एवं बाल विकास सचिव हरीश चंद्र सेमवाल ने बताया कि विभाग द्वारा चयनित एजेंसी को चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने हेतु स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए है।
आउटसोर्सिंग के मांग विभाग द्वारा चयनित एजेंसी ने भी इस तरह के दलालों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई है
चयनित एजेंसी द्वारा एक अनुरोध पत्र विभाग को अपने स्तर से आवश्यक कदम उठाने हेतु दिया गया कि कुछ अवांछित तत्त्वों द्वारा सक्रिय होते हुए कतिपय माध्यमों से इस आशय की भ्रामक सूचना फैलाई जा रही है कि उपरोक्त पदों पर रखे जाने हेतु अभ्यर्थियों से 2 से 3 माह के वेतन की मांग की जा रही है, जिनका एजेंसी से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है एवम यह नितांत अनुचित और नियम विरुद्ध है।
विभाग ने एजेंसी के अनुरोध को समझते हुए तथा इसको बहुत गंभीरता से लेते हुए सभी अभ्यर्थीयो को यह स्पष्ट किया है कि विभाग द्वारा कार्मिकों की आपूर्ति के सापेक्ष चयनित एजेंसी को सर्विस चार्ज का भुगतान होता है, अतः अन्य किसी भी प्रकार की धनराशि किसी अभ्यर्थी द्वारा किसी को ना दी जाये। सचिव हरीश चंद्र सेमवाल ने आगाह किया है कि
उपरोक्त आउटसोर्स पदों पर चयन का एकमात्र आधार निर्धारित शैक्षिक योग्यता और अनुभव है। कोई भी अभ्यर्थी किसी के बहकावे में ना आये एवम इस प्रकार के दलालों से विशेष रूप से सावधान रहें।