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Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर राज्य के समग्र विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड के निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखण्ड, विकसित भारत 2047 के विज़न में अहम भूमिका निभाने को संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर के प्रतिरूप और आदि कैलाश यात्रा पर आधारित कॉफ़ी टेबल बुक भेंट की। इसके साथ ही उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों जैसे कनार का घी (धारचूला), लाल चावल (पुरोला), बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और शुद्ध शहद भी भेंट स्वरूप प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की तरह ही हरिद्वार और ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर तथा चम्पावत के शारदा कॉरिडोर के मास्टर प्लान के अनुरूप अवस्थापना विकास के लिए सीएसआर माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
सेमी कंडक्टर हब, रेल परियोजनाएं और रैपिड ट्रांजिट पर भी चर्चा
मुख्यमंत्री ने ऊधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमी कंडक्टर हब के रूप में विकसित करने और सेमी कंडक्टर उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को हरिद्वार तक विस्तार देने और टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण शामिल किए जाने हेतु संबंधित मंत्रालयों को निर्देशित करने का आग्रह किया।
राजजात यात्रा और महाकुंभ के लिए विशेष अनुरोध
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को वर्ष 2026 में आयोजित होने जा रही नंदा राजजात यात्रा की जानकारी दी और पर्यावरण अनुकूल अवस्थापना सुविधाओं के लिए 400 करोड़ रुपए की सहायता मांगी। साथ ही प्रधानमंत्री को यात्रा में आमंत्रित भी किया।
इसी क्रम में, मुख्यमंत्री ने 2027 के हरिद्वार महाकुंभ को लेकर राज्य सरकार की तैयारियों की जानकारी दी और 3500 करोड़ रुपए की विशेष वित्तीय सहायता की मांग रखी, ताकि पुलों की मरम्मत, पेयजल, बिजली, शौचालय, परिवहन, पार्किंग आदि कार्य कराए जा सकें।
चौरासी कुटिया, विद्युत व्यवस्था और जल परियोजनाओं पर जोर
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश के निकट चौरासी कुटिया को पुरानी पहचान लौटाने के लिए चल रहे प्रयासों की जानकारी दी और इसके प्रस्ताव को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से अनुमोदन दिलवाने का आग्रह किया।
वहीं ऋषिकेश और हरिद्वार की एचटी व एलटी विद्युत लाइनों को भूमिगत करने और बिजली व्यवस्था के ऑटोमेशन के लिए 1015 करोड़ की डीपीआर को RDSS योजना में स्वीकृति दिलवाने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने पिण्डर-कोसी लिंक परियोजना का भी उल्लेख किया, जिससे बागेश्वर, अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों के 625 गांवों की 2 लाख जनसंख्या को पेयजल और सिंचाई का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने इस परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना में शामिल करने का निवेदन किया।
जल विद्युत परियोजनाओं की स्वीकृति का अनुरोध
मुख्यमंत्री ने 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के आधार पर देने का भी अनुरोध प्रधानमंत्री से किया।
प्रधानमंत्री ने दी हर संभव सहयोग की आश्वस्ति
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात यात्रा, हरिद्वार महाकुंभ और जल जीवन मिशन से जुड़ी योजनाओं की विस्तार से जानकारी ली और उत्तराखण्ड के विकास में केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
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