ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड में सरकारी नौकरी में राज्य के मूल निवासियों पर सीधे तौर पर डाका डाला जा रहा हैं,सरकार इसपर सिर्फ बयान और जांच के आदेश देती है और कुछ होता नजर नहीं आता।
ऊधम सिंह नगर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला सामने आया हैं,यहां चल रही सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश के रहने वाले नौ अभियार्थियों ने उत्तराखंड का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी हासिल कर ली,काउंसलिंग के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ,फिलहाल उनके नियुक्ति पत्र रोक दिए गए हैं।
इन अभ्यर्थियों द्वारा उत्तराखंड के ओबीसी प्रमाण पत्र बनाएं थे, डीईओ प्रारंभिक शिक्षा ऊधम सिंह नगर हरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया,पहली काउंसलिंग में कुल 94 अभियार्थी को चयनित किया गया,जिसमें से 9 ओबीसी प्रमाण पत्र संदिग्ध दिखें इन्होंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों जगह के जाति प्रमाण पत्र बनाएं हैं,मामले की पूरी जानकारी निदेशालय को दे दी गई हैं।
अब बड़ा सवाल यह हैं की आखिर यह प्रमाण पत्र बन कैसे गए तहसील में बैठे अधिकारी आखिर किस कार्यशैली से कार्य कर रहें हैं,आखिर नर्सिंग भर्ती में फर्जी स्थाई और शिक्षक भर्ती में जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले अधिकारियों के नाम क्यों सामने नहीं आ रहें आखिर इन बेलगाम अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रहीं।
ये अधिकारी अपनी कुर्सी और मोहर का दुरुप्रयोग कर राज्य के मूल निवासियों का हक खा रहें हैं और सरकार सिर्फ आदेश जारी कर देती हैं,ऐसे में राज्य के मूल निवासियों का खुद के द्वारा खुद के लिए चुनी धामी सरकार से भरोसा उठना लाज़मी हैं।