उत्तराखंड जिला सहकारी बैंक के भर्ती घोटाले में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
आज जांच टीम नीरज बेलवाल ( उपनिबंधक कुमाऊं) और मान सिंह सैनी (उपनिबंधक गढ़वाल) की अगुवाई में जिला सहकारी बैंक देहरादून पहुंची लेकिन इससे पहले ही घोटाले में लिप्त पदाधिकारियों ने अनुभाग अधिकारी अमित शर्मा को मौके से भगा दिया।
अमित शर्मा के पास भर्तियों से संबंधित दस्तावेज हैं। अलमारी की चाभी उसी के पास है।
बहरहाल जांच टीम ने अनुभाग अधिकारी अमित शर्मा को सस्पेंड कर दिया है।
इसके अलावा जांच टीम ने बैंक का हॉल तथा एक कार्यालय सील कर दिया है। इसे केवल तभी खोला जाएगा जब जांच टीम मौके पर मौजूद रहेगी।
यहां एक और खुलासा सामने आया है। भर्ती प्रक्रिया मे संलिप्त अधिकारियों ने भर्ती होकर आए नये अभ्यर्थियों को जॉइनिंग तो दे दी है लेकिन अभी तक जॉइनिंग लेटर नहीं दिया है।
इसके साथ ही डिस्पैच रजिस्टर में 25 मार्च के बाद कुछ जगह छोड़ी गई है ताकि उसे बैक डेट में भरा जा सके।
इस भर्ती घोटाले बैंक के बाबू ध्वजवीर चौहान तथा मुख्य शाखा के मैनेजर मनोज नेगी सहित कई लोग सीधे-सीधे संदिग्ध पाए गए हैं।
ध्वजवीर चौहान इस भर्ती प्रक्रिया की चयन समिति में भी अहम भूमिका पर था। इसके परिवार से बेहद करीबी 3 लोगों का चयन हुआ है, जबकि सहकारिता के नियमों के अनुसार बैंक के कर्मचारी पदाधिकारी के परिजन इस भर्ती में शामिल नहीं हो सकते।
सूत्रों के अनुसार इस भर्ती घोटाले की जांच को बैंक के चीफ पदाधिकारी और अधिकारी प्रभावित कर सकते हैं इसलिए यदि सरकार की सही मंशा से जांच कराने की तैयारी है तो फिर पहले इन सभी पदाधिकारियों और अधिकारियों को बैंक से ही अलग करना होगा अथवा इन को सस्पेंड किया जाना उचित रहेगा।