Amit Bhatt, Dehradun: प्रॉपर्टी डीलर प्लॉटिंग के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। वह मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) और उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के नियमों को ताक पर रखकर अवैध प्लॉटिंग के धंधे में लिप्त हैं। साथ ही प्लॉटिंग के लिए अनुमति से अधिक पेड़ों पर आरी चलाने से भी गुरेज नहीं किया जा रहा। ताजा प्रकरण श्यामपुर (आर्केडिया ग्रांट) के आदर्श विहार (लेन-04) का है। आरोप है कि इस क्षेत्र में माहरा बंधु न सिर्फ निरंतर अवैध प्लॉटिंग कर रहे हैं, बल्कि प्लॉट भी बेच रहे हैं। अवैध प्लॉटिंग की शिकायत पर एमडीडीए एक बार यहां ध्वस्तीकरण कर चुका है, लेकिन अभियंताओं की निगाह हटते ही दोबारा प्लॉटिंग शुरू कर दी गई है।
शिकायत के मुताबिक श्यामपुर क्षेत्र में खाता संख्या 00478 के खसरा नंबर 524, 525, 526 और 527 में अवैध प्लॉटिंग की जा रही है। एमडीडीए से इसका लेआउट पास नहीं कराया गया है और न ही रेरा से ही प्लॉटेड डेवलपमेंट के रूप में पंजीकरण ही कराया गया। इसके अलावा आरोप है कि वन विभाग की आंख में धूल झोंककर जितने पेड़ों के कटान की अनुमति मांगी गई थी, उससे अधिक पेड़ काटे जा रहे हैं।
एमडीडीए दोबारा करे ध्वस्तीकरण, रजिस्ट्री पर लगे आरोप
शिकायत में मांग उठाई गई है कि एमडीडीए को अवैध प्लॉटिंग पर दोबारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही रेरा से मांग की गई है कि बिना पंजीकरण के चल रही प्लॉटिंग के भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगाई जाए। ताके भोले-भाले लोगों के हितों की रक्षा की जा सके। दूसरी तरफ वन विभाग से पेड़ों के अवैध कटान की जांच कराकर कार्रवाई की मांग भी की गई है।
आयकर विभाग ले ट्रांजेक्शन का संज्ञान, डीलरों के रिटर्न की हो जांच
शिकायतकर्ता ने मांग की है कि अवैध प्लॉटिंग में बड़ी मात्रा में कैश ट्रांजेक्शन किया जा रहा है। रजिस्ट्री कार्यालय से संबंधित खसरा नंबर पर बेची जा रही भूमि का विवरण जुटाकर प्रॉपर्टी डीलरों के आयकर रिटर्न की जांच की जानी चाहिए। ताकि काली कमाई पर नियमानुसार आयकर और अर्थदंड वसूल किया जा सके।