Dehradun News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा और जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में देहरादून जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल की है। “शिक्षा से जीवन उत्थान” के विजन को मूर्त रूप देते हुए राज्य का पहला आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर स्थापित किया गया है, जो सड़कों पर रहने वाले और भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
यह चाइल्ड-फ्रेंडली संरचना और विशेषज्ञ शिक्षकों की सुविधाओं से सुसज्जित केंद्र बच्चों को संगीत, योग और खेल गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा की ओर प्रेरित कर रहा है। जिलाधिकारी स्वयं इस परियोजना की गतिविधियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, ताकि प्रत्येक बच्चे का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
भिक्षावृत्ति से शिक्षा की राह पर — अब तक 82 बच्चों को मिला स्कूल में दाखिला
जिला प्रशासन की टीम ने अब तक दो चरणों में कुल 82 बच्चों को रेस्क्यू कर स्कूलों में दाखिला दिलाया है।
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पहले चरण में 51 बच्चों को विभिन्न विद्यालयों में प्रवेश दिलाया गया।
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दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड और साधूराम इंटर कॉलेज में दाखिला दिलाया गया।
इन बच्चों के समग्र विकास के लिए ₹1.5 करोड़ (डेढ़ करोड़) की लागत से साधूराम इंटर कॉलेज में आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर का निर्माण भी कराया जा रहा है।
जुलाई से सितंबर 2025 के बीच 136 बच्चों को मिला संरक्षण
पिछले तीन महीनों (जुलाई से सितंबर 2025) के दौरान जिला प्रशासन द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया गया है—
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136 बच्चों को देखभाल एवं संरक्षण के लिए बाल संरक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
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138 बच्चों को मुक्त कराया गया।
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70 बच्चे भिक्षावृत्ति और 14 बच्चे बालश्रम में संलिप्त पाए गए, जिन्हें सुरक्षित रूप से पुनर्वास प्रक्रिया में शामिल किया गया।
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अन्य राज्यों के 6 बच्चों को उनके परिजनों के पास वापस भेजा गया।
जिलाधिकारी सविन बंसल का सतत निरीक्षण
जिलाधिकारी सविन बंसल स्वयं इस सेंटर की गतिविधियों का सतत निरीक्षण कर रहे हैं। उनका कहना है—
“हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है। यह पहल केवल भिक्षावृत्ति से मुक्ति नहीं, बल्कि उनके जीवन को सम्मान और अवसर देने की दिशा में कदम है।”













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