देहरादून। सोशल मीडिया पोर्टल पर रविवार को एक समाचार प्रसारित हुआ है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नाम का उल्लेख कर समाचार में घटनाक्रम का विवरण लिखा गया है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रशासन ने बिना पुष्ठि के अस्पताल का नाम प्रकाशित करने पर आपत्ति दर्ज कराई है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि तथ्यों की पुष्टि के बिना अस्पताल के नाम को गलत तरीके से सार्वजनिक किया जाना गलत है व गैरकानूनी है। अस्पताल का नाम समाचार से तत्काल हटाया जाना चाहिए।
घटनाक्रम के अनुसार एक अभयुक्त को ड्रग्स के साथ रविवार को गिरफ्तार किए जाने का घटनाक्रम दर्ज हुआ है। प्रेस नोट के माध्यम से यह जानकारी सार्वजनिक भी हुई है लेकिन किसी भी संस्थान के नाम का सार्वजनिक उल्लेख करने से पूर्व यह प्रमाणित किया जाना भी आवश्यक है कि जिस कर्मचारी का सम्बन्ध श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल से बताया जा रहा है वह वास्तव में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल का कर्मचारी है या नहीं।
प्रेस विज्ञप्ति में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कर्मचारी के कार्यरत होने की पुष्ठि किए बिना श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल का नाम सार्वजनिक किया जाना व अभियुक्त के नाम को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नाम से जोड़कर सार्वजनिक करना गलत है।अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के नाम को प्रेस नोट से हटाये जाने व समाचार पोर्टल से हटाए जाने की मांग की।
अस्पताल प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुआ कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भूलवश, त्रुटिवश या किसी अन्य कारण से इस अभयुक्त को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कार्यरत बताया गया है। अस्पताल प्रशासन ने सूचना जारी करने वाली आधिकारिक संस्थाओं से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कर्मचारी के कार्यरत होने की जानकारी व फैक्ट्स मांगे लेकिन कोई भी संतोषजनक जानकारी एवम पुख्ता तथ्य प्राप्त नहीं हुए हैं।
उधर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल बाई के मानव संसाधन विभाग ने अपने स्तर से जाॅच कर संबंधित कर्मचारी के संबंध में डाटा वेरीफाई किया. इस नाम का कोई भी नर्सिंग इंटर्न श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में कार्यरत नहीं है।