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उत्तराखंड में वर्षों से प्रतिकर के लिए भटक रहे व्यासी परियोजना प्रभावित परिवारों को आखिरकार न्याय मिल गया। जिला अधिकारी (डीएम) की सख्त कार्रवाई और प्रभावी हस्तक्षेप के चलते ग्राम लौहारी के 27 परिवारों को 26 लाख रुपये की प्रतिकर राशि का वितरण किया गया। डीएम की फटकार के बाद प्रशासन हरकत में आया और प्रभावित परिवारों को 15 दिन के भीतर प्रत्यक्ष चेक सौंप दिए गए।
डीएम की फटकार के बाद तेज हुआ मामला निस्तारण
व्यासी परियोजना का प्रतिकर मामला लंबे समय से लटका हुआ था, जिससे लखवाड़ प्रोजेक्ट की प्रगति भी बाधित हो रही थी। जब मामला डीएम के संज्ञान में आया, तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों की जमकर क्लास ली और एसडीएम व यूजेवीएन को 15 दिन में समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया। डीएम की सख्ती के बाद प्रशासन हरकत में आया और प्रभावित परिवारों को बंजर भूमि पर स्थित परिसंपत्तियों के प्रतिकर के चेक वितरित कर दिए गए।
लौहारी वासियों को मिला वर्षों का न्याय
ग्राम लौहारी के निवासियों को लगभग 4 वर्षों से अपने प्रतिकर के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था। वे कई फोरम और प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे। लेकिन डीएम की सक्रियता और सख्ती के चलते फरवरी में हुई समीक्षा बैठक में यूजेवीएन अधिकारियों को फटकार लगाई गई। इस बैठक के बाद मामला तेजी से सुलझाया गया और मार्च के अंतिम सप्ताह में प्रभावित परिवारों को प्रतिकर का भुगतान कर दिया गया।
संयुक्त मजिस्ट्रेट और एसएलओ की अहम भूमिका
डीएम के निर्देशों का पालन करते हुए संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरी प्रभात और एसएलओ स्मृति परमार के प्रयासों से प्रभावित परिवारों को प्रतिकर का लाभ मिला। कुल 27 परिवारों को 26 लाख रुपये के चेक वितरित किए गए। इससे स्थानीय लोगों में प्रशासन और सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।
परियोजना को मिली गति, जनता में बढ़ा भरोसा
प्रतिकर वितरण के बाद परियोजना कार्यों में भी तेजी आने की उम्मीद है। प्रभावित परिवारों को उनका हक मिलने से सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है और अब स्थानीय लोग परियोजना को धरातल पर उतारने में सहयोग कर रहे हैं। डीएम की सख्ती और प्रशासनिक तत्परता से वर्षों पुरानी समस्या का समाधान हुआ, जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है।