ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
हल्द्वानी रिंग रोड को लेकर अब किसान सीधी लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं,इस बार खेत बचाने के लिए किसानों के साथ उनके पुत्र आंदोलन कर रहे है,किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति ने 11 सितंबर से अनिश्चितकालीन धरना हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना को किसानों के खेत से रद्द करने को लेकर हल्द्वानी रामपुर रोड के गन्ना सेंटर में शुरू कर दिया हैं।
आज समिति के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड हल्द्वानी कार्यालय पहुंचकर कुछ प्रश्नों को लेकर एक ज्ञापन अधिकारियों को सौंपकर समिति ने अपने प्रश्नों के जवाब के लिए विभाग को एक सप्ताह की चेतावनी दी है,समिति के अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने अधिशासी अभियंता की उपस्थित होने पर विभाग के अन्य सहयोगी अधिकारी को ज्ञापन पढ़कर सुनाया उन्होंने कहा है कि यदि एक सप्ताह के भीतर रिंग रोड संबंधित सभी दस्तावेज और सभी सर्वे के नक्शे सहित अन्य जानकारियां जो ज्ञापन में पूछी गई है यदि विभाग समिति के आंदोलन मंच पर किसानों के बीच लेकर नहीं पहुंचा तो समिति आंदोलन रैली के रूप में लोक निर्माण विभाग कार्यालय पहुंचेगी और शांतिपूर्वक चल रहे आंदोलन की दिशा बदलेगी।
इस दौरान किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के सचिव लक्ष्मण सिंह बोरा ने कहा कि किसानों के खेत से बिना अनुमति सर्वे कर विभाग पहले ही कई गलतियां कर चुका है और विभाग के अधिकारी हाथों में फीता लेकर एक तानाशाह तरीके से किसानों के खेत में पहुंच रहे हैं,जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता फिलहाल शांतिपूर्वक आंदोलन चलाया जा रहा है यदि जरूरत पड़ी तो प्रभावित किसानों के साथ-साथ समस्त क्षेत्र की जनता का समर्थन लिया जाएगा।
प्रभावित दुकानदार मदन मोहन उपाध्याय ने कहा कि उनकी जमीन बेटे की दुकान,मकान सब कुछ रिंग रोड नाम की एक परियोजना लेकर जा रही है,अब ना नींद आती है ना ही परिवार के साथ बैठकर खाना खाया जाता है,इसे किसी भी रूप में सार्वजनिक हित में किया जा रहा विकास नहीं कह सकते,किसानों को उजाड़ कर सड़क बनाना किसी भी सरकार की अच्छी विकास नीति नहीं की जा सकती।
नवीन चंद दुर्गापाल ने कहां की किसानों के खेतों को बचाने के लिए दिन-रात संघर्ष जारी है आज दिनभर बरसात थी उसके बाद भी किसान आंदोलन में डटे रहे सरकार किसानों को नही बर्बाद कर सकती।
त्रिभुवन उपाध्याय ने कहा कि वह स्वयं भारतीय जनता पार्टी के एक सच्चे सिपाही हमेशा रहे हैं,उन्होंने हमेशा भाजपा के प्रत्याशी को ही वोट दिया है,लेकिन अचानक उनके खेतों को सड़क के लिए तानाशाह तरीके से इस्तेमाल करना यह उचित कदम नहीं है हमारे जनप्रतिनिधियों को सोचना चाहिए,अन्यथा आगे चुनाव में इसका नुकसान भारतीय जनता पार्टी को हो सकता है।
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