ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
हल्द्वानी के भाबर क्षेत्र के किसान पुत्र पिछले 22 दिनों से सरकार की एक बड़ी हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन पर रामलीला मैदान गन्ना सेंटर रामपुर रोड में बैठे हुए हैं,लेकिन चिंता का विषय यह है कि अब तक ना ही सरकार का कोई प्रतिनिधि और ना ही प्रशासन का कोई जिम्मेदार अधिकारी उनकी समस्या का समाधान खोज पाया है और ना ही वार्ता के लिए सामने आया हैं।
प्रदर्शनकरियों ने अब तक धरना स्थल पर सरकार को जगाने और अधिकारियों को जगाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम किए हैं बुद्धि शुद्धि महायज्ञ से लेकर पुतला सहन मशाल जुलूस आदि सभी लेकिन फिर भी भाजपा सरकार और जनपद के अधिकारियों को कुंभकरणीय नींद से जगाने में असफल हुए हैं।
आज किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के संस्थापक अध्यक्ष अपने आंदोलनकारी साथियों के साथ देहरादून के लिए देर शाम रवाना हो गए हैं उनकी अनुपस्थिति में धरना स्थल पर समिति के उपाध्यक्ष निक्की दुर्गापाल लक्ष्मण सिंह बोरा सचिव धरना स्थल की जिम्मेदारी संभालेंगे।
समिति के संस्थापक अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने बताया कि 22 दिन किसान पुत्रों के आंदोलन को हो गए हैं सरकार एक बड़ी परियोजना भाबर क्षेत्र में उतारकर उत्तराखंड के भाबर क्षेत्र के कम भूमि में जो किसान खेती कर रहे हैं उन्हें उजाड़ना चाहती है,जबकि ग्रामीण सड़कों का चौड़ीकरण कर हल्द्वानी शहर के बढ़ते यातायात दबाव को कम किया जा सकता है,उपाध्याय ने कहा कि बड़ा प्रश्न यह भी है जिस लिए धरने पर किसान पुत्र नेतृत्व करते हुए किसानों और महिलाओं के साथ बैठे हैं वहां आकर ना तो सरकार का कोई जनप्रतिनिधि बात करने को तैयार है ना ही भारतीय जनता पार्टी का कोई पदाधिकारी और ना ही प्रशासनिक अधिकारी,ऐसा लगता हैं उत्तराखंड की सरकार को अब जनता के आंदोलनों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
कार्तिक उपाध्याय ने जनपद की जिलाधिकारी की कार्यशैली पर भी सीधे प्रश्न खड़े किए हैं उन्होंने कहा है कि पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड ने जिस तरीके से खेतों मकान में पीलर डाले उसके बाद महिलाओं को अपना घर और गौशाला उजड़ने का डर मन में बैठ गया,महिलाएं धरने पर हैं लेकिन जनपद की जिम्मेदार जिलाधिकारी स्वयं महिला होते हुए भी उनसे मिलने नहीं आ रही आखिर इसका क्या कारण हो सकता है।
उपाध्याय ने बताया कि वह अपने साथियों संग देहरादून जाकर विभिन्न संगठनों एवं राजनीतिक दलों के साथ मुलाकात करेंगे,साथ ही सचिवालय पहुंचकर मुख्य सचिव एवं सड़क सचिव से मिलकर पूरी रिंग रोड परियोजना की जानकारी लेंगे और मुख्य सचिव को एक ज्ञापन लघु कथा के रूप में सौंपेंगे,जिसमें जिला प्रशासन पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड हल्द्वानी और सरकार की कार्यशैली के बारे में जानकारी मुख्य सचिव के सामने रखेंगे,साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्य सचिव से जल्द किसान आंदोलन पर नजर डालकर आंदोलन का संज्ञान लेकर उनकी मांग पूरी करने का अनुरोध करेंगे साथ ही यह भी मुख्य सचिव को चेताएंगे की उच्च न्यायालय जाने से पूर्व यदि राज्य की जिम्मेदार कुर्सियों ने इस आंदोलन को और भाबर के किसानों को अनदेखा किया तो यह उन सभी कुर्सियों के लिए बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा जिसमें स्वयं मुख्य सचिव की कुर्सी भी होगी,खेतों में पिलर डालकर राज्य की राजनीतिक एवं प्रशासनिक कुर्सियों को पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के अधिकारियों ने जनता के कटघरे में पहले ही खड़ा कर दिया है अब जरूरत है इन्हें संवैधानिक संविधानिक कटघरे में ले जाने की।
इधर 22वें दिन धरना स्थल पर लगातार किसान डटे रहे किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष ने निक्की दुर्गापाल ने कहा कि 22 दिनों से टेंट लगाकर धरना गांव के भीतर चल रहा है लेकिन जो जिम्मेदार अधिकारियों जनप्रतिनिधियों को इस आंदोलन में आकर वार्ता करनी थी बैठकर समाधान ढूंढने थे वह लगातार अनदेखा कर रहे हैं,समिति का प्रतिनिधिमंडल देहरादून गया हुआ है यदि वहां की कुर्सियां भी आवाज नहीं सुनेगी तो बड़े आंदोलन की रणनीति जल्द बनाई जाएगी जो सरकार को सीधा हिलाने का काम करेगी।
देहरादून को निकले प्रतिनिधि मंडल में समिति के उपाध्यक्ष ललित मोहन जोशी,सामाजिक कार्यकर्ता आनंद सिंह दरमवाल एवं युवा क्रांतिकारी आयुष रावत हैं,अन्य कुछ संगठनों के साथ कल सचिवालय में समिति मुलाकात करेगी उसके बाद देहरादून प्रेस क्लब में किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति की आवश्यक प्रेस वार्ता भी होगी।
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