रिपोर्ट कार्तिक उपाध्याय
उत्तराखंड में वैसे तो जितने भी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं,वह लगभग सभी ही सिर्फ रेफर सेंटर बने हुए हैं
इससे पूर्व में भी उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट ने पहले भी न्यूज चलाई थी कि पिथौरागढ़ में बने नवनिर्मित अस्पताल में मरीजों को इलाज स्टाफ की कमी के कारण नहीं मिल पा रहा है
कुछ ऐसा ही हाल है लालकुआं विधानसभा के हल्दुचौड़ क्षेत्र में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जिसकी बिल्डिंग तो बनकर तैयार हो गई लेकिन हस्तांतरण होने के बावजूद अब तक अस्पताल में स्वीकृत पदों की नियुक्ति नहीं हो पाई है,जिस कारण 1 साल पूर्व बनकर तैयार अस्पताल अब तक मरीजों की सेवा में चालू नहीं हो पाया है।
उत्तराखंड के लिए यह बड़ा दुर्भाग्य का विषय है जहां एक तरफ पहाड़ों में इलाज नहीं है अस्पताल नहीं है,तो वहीं मैदानी क्षेत्रों में अस्पताल की बिल्डिंग बन जाने के बावजूद अस्पताल चालू नहीं हो पाता।
स्वास्थ्य मंत्रालय गैर जिम्मेदार उत्तराखंड का स्वास्थ्य मंत्रालय लगता है अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहा वरना बन चुकी बिल्डिंग को चालू करवाना कोई बड़ी बात नहीं क्योंकि उक्त बिल्डिंग को बनाने में राज्य के राजस्व का लगभग आठ करोड़ रुपया खर्च हुआ है।
समाजसेवी एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय सहित मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार,राज्यपाल उत्तराखंड शासन,महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड एवं माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली को आज अस्पताल खुलवाने के लिए पत्र भेजा हैं।
समाजसेवी हेमंत गोनिया ने पत्र में लिखा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हल्दुचौड़ की स्थापना वर्ष 2014 में की गई 2014 में तत्कालीन भूत पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल द्वारा 30 बेड का भवन सहित स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत कराया गया था
यह वर्तमान में डॉक्टर नर्स स्टाफ फार्मेसिस्ट एवं जांच उपकरणों के अभाव में बंद पड़ा हुआ हैं,जिसका लाभ राजस्व खर्च होने के बावजूद क्षेत्र की जनता को नहीं मिल पा रहा है,ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए हल्द्वानी किच्छा रूद्रपुर बरेली आदि क्षेत्रों में जाना पड़ता है
देखना होगा ग्रामीणों द्वारा लिखे इस पत्र को सरकार अथवा केंद्र सरकार कितने जल्दी संज्ञान में लेती है और रिक्त पड़े पदों को भर कर जनता की सुविधा के लिए कब तक चालू कर पाती हैं
समाजसेवी हेमंत गोनिया का कहना है कि जब राजस्व खर्च कर दिया गया है,बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है तो जल्द से जल्द पद भरकर अस्पताल को जनता की सेवा में क्यों नहीं खोला जा रहा?
वही ग्रामीणों एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि यदि जल्द उनके पत्र को संज्ञान में लेते हुए सरकार हॉस्पिटल चालू नहीं करती है तो वह आंदोलन के लिए बाध्य होंगे
कमल चंदोला जिला पंचायत सदस्य जग्गीबंगर,गोविंद बल्लभ भट्ट,दीपा बिष्ट ग्राम प्रधान,मीना भट्ट ग्राम प्रधान,माया जोशी,हेमा पांडे,लक्ष्मी गुणवंत,दीपा जोशी सहित कई ग्रामीणो द्वारा यह पत्र लिखा गया है।