You might also like
देहरादून। उत्तराखंड में हेरिटेज एविएशन की लापरवाही अब कंपनी पर भारी पड़ गई है। सावन के सोमवार से ठीक पहले प्रतिबंध के बावजूद केदारनाथ में हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के मामले में उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने मिलकर सख्त रुख अपनाया है।
अब इस एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर राज्य के किसी भी हेलीपैड से उड़ान नहीं भर सकेंगे। इसके साथ ही कंपनी को ब्लैकलिस्ट किए जाने की भी तैयारी चल रही है।
क्या है पूरा मामला?
13 जुलाई को UCADA को सूचना मिली थी कि हेरिटेज एविएशन का एक हेलीकॉप्टर सहस्त्रधारा हेलीपैड से उड़ान भरते हुए सिरसी हेलीपैड पहुंचा, जहां से उसने दो बार केदारनाथ तक शटल सेवा दी। यह सब उस समय हुआ जब कंपनी पर पहले से ही UCADA द्वारा प्रतिबंध लगा हुआ था।
जांच में यह पुष्टि हुई कि सावधानी और नियमों को नजरअंदाज करते हुए पायलट ने अधिकारियों के मना करने के बावजूद उड़ान भरी। वायरलेस पर चेतावनी देने के बावजूद पायलट ने यह कहते हुए उड़ान जारी रखी कि “वो मौसम का जायजा लेने जा रहे हैं”, जबकि मौसम को लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया गया था।
कौन-कौन थे हेलीकॉप्टर में सवार?
हेलीकॉप्टर में हेरिटेज एविएशन का मैनेजर, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी और दो अन्य लोग सवार थे। जानकारी के अनुसार, हेमंत द्विवेदी को अगले दिन भगवान केदारनाथ में जलाभिषेक करना था, जिसके लिए उन्होंने यह यात्रा की थी।
UCADA और DGCA ने उठाया सख्त कदम
UCADA के ऑपरेशन हेड संजय टोलिया ने बताया कि अगर इस तरह की उड़ानों में कोई दुर्घटना हो जाती, तो उसका जिम्मेदार कौन होता? यह पूरी तरह से DGCA के उड़ान मानकों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अब कंपनी को नोटिस भेजा गया है और राज्य के सभी हेलीपैड्स पर हेरिटेज एविएशन की उड़ानों पर पूर्ण रोक लगा दी गई है।
हेमंत द्विवेदी ने क्या कहा?
विवाद सामने आने के बाद बदरी-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ हेलीकॉप्टर बुक कराया था। हेली की परमिशन, कागज और नियमों की जानकारी देना उनका काम नहीं है। उन्होंने खुद को इस विवाद से अलग बताया।
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि धार्मिक यात्राओं और वीआईपी मूवमेंट में नियमों की अनदेखी किस तरह खतरे को न्यौता दे सकती है। UCADA और DGCA की संयुक्त कार्रवाई न केवल एक मजबूत संदेश देती है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने की दिशा में अहम कदम भी है।
Discussion about this post