विधानसभा से चौथी बार निर्वाचित हुए विधायक प्रेमचंद अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। आरोप है कि उन्होंने चुनाव के समय मतदाताओं को लुभाने के लिए विवेकाधीन कोष का प्रयोग किया।ऐसे में हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
आपको बता दे कि कनक धन्नै ने इस मामले को लेकर हाईकोट में याचिका दायर की थी। मंगलवार को याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका के साथ विवेकाधीन कोष के चुनाव में उपयोग के प्रमाणों को देखकर कोर्ट ने इस पर गंभीर रूख दिखाया।
मीडिया के अनुसार,हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को जांच करने और मामला सही मिलने पर उनका चुनाव प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग की इस मौके पर राज्य सरकार, भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, स्पीकर, जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला कोषागार अधिकारी और विधायक प्रेमचंद अग्रवाल को पक्षकार बनाया गया है
आपको बता दे कि अभी तक प्रेम अग्रवाल को कैबिनेट में मंत्री के रूप में पक्का माना जा रहा हैं लेकिन क्या इस मामले के आने के बाद प्रेम अग्रवाल को कैबिनेट से महरूम भी रहना पड सकता हैं वही विरोधियो ने इस मामले को बीजेपी आलाकमान तक पहुंचा दिया हैं ऐसे में विधायक गणेश जोशी को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता हैं थोड़ी देर पहले गणेश जोशी सीएम धामी से मिलने पहुंचे थे।