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आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी और डिजिटल युग ने बच्चों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। मोबाइल और टीवी की लत, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और जंक फूड की आदतें बच्चों को गंभीर बीमारियों की ओर धकेल रही हैं। हाल ही में राजस्थान, अलीगढ़ और अहमदाबाद जैसे शहरों से 8-9 साल के बच्चों को हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट आने की खबरें सामने आईं, जो चौंकाने वाली हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इन सबके पीछे एक बड़ी वजह बच्चों में दिनचर्या की अनियमितता, पोषण की कमी और तनाव है। बाबा रामदेव कहते हैं कि अगर बचपन से ही बच्चों की जीवनशैली में योग, प्राणायाम और आयुर्वेद को शामिल कर लिया जाए, तो 75% बीमारियों से बचाव संभव है।
2008 के बाद जन्मे बच्चों में बढ़ रहा गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा
AIIMS और BHU जैसी संस्थाओं की रिसर्च में यह सामने आया है कि साल 2008 के बाद जन्म लेने वाले बच्चों में गैस्ट्रिक कैंसर की संभावना तेजी से बढ़ रही है। वहीं मोटापे में 126% की बढ़ोतरी और 10% बच्चों में हाई बीपी व हाई कोलेस्ट्रॉल के मामले भी दर्ज किए गए हैं। हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में बच्चों की उम्र के हिसाब से हाइट नहीं बढ़ रही, जो कि चिंताजनक संकेत है।
शिव तांडव स्तोत्र से जुड़ा वैज्ञानिक पहलू
BHU के एक अध्ययन में सामने आया है कि शिव तांडव स्तोत्र की ध्वनि तरंगें बच्चों की ब्रेन वेव्स को पॉजिटिव रूप से प्रभावित करती हैं। इससे बोलचाल में सुधार, तनाव में कमी और मांसपेशियों को आराम मिलता है। विशेष रूप से जो बच्चे हकलाते हैं या बोलने में असहज होते हैं, उनके लिए यह एक कारगर उपाय साबित हो रहा है।
बच्चों के लिए बाबा रामदेव के स्वास्थ्य सुझाव
1. जीवनशैली में करें यह बदलाव:
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योग और प्राणायाम को शामिल करें:
रोज सुबह अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी जैसी क्रियाएं बच्चों के दिमाग और शरीर को सक्रिय बनाती हैं। -
डिजिटल डिटॉक्स जरूरी:
बच्चों की मोबाइल स्क्रीन टाइम सीमित करें। उन्हें आउटडोर गेम्स और ग्रुप एक्टिविटी में जोड़ें। -
पूरी नींद लें:
बच्चों को रोजाना कम से कम 8-9 घंटे की नींद मिलनी चाहिए।
2. हेल्दी डाइट चार्ट अपनाएं:
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गर्म और ताजा खाना खाएं
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तले-भुने और पैक्ड फूड से बचें
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भूख से थोड़ा कम खाएं
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सलाद, दही और छाछ को भोजन का हिस्सा बनाएं
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मौसमी फल ज़रूर लें
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दिन में कम से कम 4 लीटर पानी पिएं
बाबा रामदेव के घरेलू उपाय जो करें मोटापा और गैस की समस्या दूर:
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अदरक और नींबू की चाय पिएं
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रात में 1 चम्मच त्रिफला गर्म पानी से लें
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हल्दी वाला दूध पिएं
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सुबह-सुबह गर्म पानी जरूर पिएं
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स्टीम लें, नस्य करें (नाक में तेल डालना)
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वजन कम करें, योग से बीपी और तनाव को नियंत्रित करें
निष्कर्ष: बच्चों को दें एक स्वास्थ्यप्रद और अनुशासित बचपन
बच्चों की सेहत केवल उनकी हंसी या चुप्पी से नहीं मापी जा सकती। जरूरी है कि माता-पिता बच्चों के खानपान, दिनचर्या और भावनात्मक स्थिति पर बराबर ध्यान दें। उन्हें ‘बैक टू बेसिक्स’ की ओर लौटाएं, जहां खेल, दोस्त और प्राकृतिक जीवनशैली उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बना सके।
“आज की आदतें, बच्चों के कल का भविष्य तय करेंगी।”
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