चारधाम यात्रा : यात्रियों के लिए एक और नियम लागू, इन वाहनों की एंट्री पर लगी रोक
देहरादून : उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ धाम में कपाट खुलने के बाद मात्र 7 दिनों में शुक्रवार सुबह तक 1.80 लाख से अधिक यात्री पहुंच चुके हैं। बिना पंजीकरण अब वाहन को एंट्री नहीं दी जा रही है।
इसके अलावा, अत्यधिक संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम सहित, पैदल मार्ग एव रास्ते में हैं। धाम सहित यात्रा पड़ावों पर रुकने की एक निश्चित क्षमता है। जनपद में स्थित पार्किंगों की भी एक निश्चित क्षमता है। इसलिए प्रशासन ने बिना पंजीकरण के आने वाले यात्री और वाहनों प्रवेश पर रोक लगा दी है। पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक ने बताया कि जनपद के सीतापुर और सोनप्रयाग स्थित पार्किंगों में किसी वाहन की एंट्री हो जाने के बाद, वाहन तीन दिन तक पार्किंग में ही रहता है।
पार्किंग की एक निश्चित क्षमता होने और इससे निकासी काफी कम होने व बाहर से अत्यधिक संख्या में वाहनों के आने से यात्रा मार्ग पर अत्यधिक दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि वाहनों के दबाव को कम किए जाने के लिए जनपद की चौकी जवाड़ी बाईपास पर बाहर से आने वाले वाहनों की चेकिंग की जा रही है।विशाखा ने बताया कि बद्रीनाथ धाम की तरफ जा रहे वाहनों को मुख्य बाजार, रुद्रप्रयाग होते हुए जाने दिया जा रहा है।
केदारनाथ धाम की ओर जाने वाले वाहनों में निर्धारित तिथि का पंजीकरण होने पर ही यात्रियों/ वाहनों को जाने दिया जा रहा है। कुछ यात्री वाहन बिना पंजीकरण के ही जनपद में आ रहे हैं ऐसे वाहनों की जनपद के केदारनाथ धाम के लिए एंट्री बिल्कुल बंद कर दी गई है। पंजीकरण के बाद निर्धारित तिथि को ही केदारनाथ धाम यात्रा पर आने के लिए बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं गत दिवस और अगला आज भी चौकी जवाड़ी पर बनाई गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि केदारनाथ धाम जाने वाले मार्ग पर पुलिस के स्तर से यातायात को नियंत्रित करते हुए सीतापुर व सोनप्रयाग की ओर छोड़ा जा रहा है। तिलवाड़ा, काकड़ागाड़, नारायण कोटि, दगड्या बैरियर (फाटा) शेरसी में स्थापित अस्थायी बैरियरों पर नियुक्त पुलिस कार्मिकों द्वारा आपसी समन्वय स्थापित करते हुए सीतापुर व सोनप्रयाग पार्किंग से हो रही निकासी के क्रम में इन स्थानों से वाहन आगे की ओर भेजे जा रहे हैं।
सीतापुर व सोनप्रयाग पहुंचे यात्रियों को शटल पार्किंग सोनप्रयाग तक भेजे जाने हेतु कतारबद्ध करते हुए शटल सेवा के माध्यम से गौरीकुण्ड व तदोपरान्त यात्रियों की सुविधानुसार, पैदल, डण्डी-कण्डी या घोड़े-खच्चर की सहायता से केदारनाथ धाम भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम में मंदिर में दर्शन के लिए पंक्तिबद्ध कराकर मंदिर दर्शन कराए जा रहे हैं।