कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह को लेकर एक बड़ा बयाना सामने आया है। उन्होंने कांग्रेस पर उठा रहे शपथ ग्रहण समारोह में न जाने के सवालों का जवाब देते हुए अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिख दी है,जिसमें उन्होंने साफ किया कि सम्मान पूर्वक हमें नहीं बुलाया गया इसलिए हम गए भी नहीं।
दरअसल मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस की अनुपस्थिति को लेकर टिप्पणियां हुई जो स्वभाविक हैं।
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि “हमारा कोई उद्देश्य शपथ ग्रहण से दूरी बनाए रखने का नहीं था। मैंने फेसबुक पर बधाई भी दी और पूरे शपथ ग्रहण समारोह को अपने मोबाइल फोन में देखा भी।”
उन्होनें आगे लिखा हैं कि “मुझे जो निमंत्रण पत्र भेजा गया था, उस निमंत्रण पत्र के साथ कार पार्क और कोई स्थान इंडिकेटर अभिसूचित नहीं था। जिस अवसर पर देश के शीर्षस्थ शासक वर्ग उपस्थित हो, वहां यदि आप बिना पूर्व निर्धारित स्थान और बिना कार पार्किंग, प्रवेशद्वार इत्यादि की जानकारी बिना पहुंचते हैं, तो सुरक्षा व्यवस्था में नुकसान का कारण भी बन सकते हैं।”
हरीश रावत आगे लिखते हैं कि “मैंने बहुत विचार करने के बाद न जाने का फैसला किया। पिछली बार ऐसा अवसर आया था तो मैं गया था और मंच पर मैंने मुख्यमंत्री मंत्रीगणों व भाजपा के नेतागणों को बधाई दी थी और उनके साथ बैठा था।”
हरीश रावत ने लिखा कि “मेरा मानना है मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह एक राज्य का महत्वपूर्ण अवसर होता है, उस अवसर पर विपक्ष के नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्रियों को सम्मानपूर्वक बुलाया जाना चाहिए और उनको वहां जाना भी चाहिए, राजनीतिक सौहार्द की यह आवश्यकता है।”