देहरादून: 2015 दरोगा भर्ती धांधली में विजिलेंस ने खुलासा करते हुए कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय में ओएमआर शीट साजिश के तहत जलाई गई है।
साथ ही विजिलेंस ने कहा कि ओएमआर शीट मामले में कुल 12 आरोपियों में से पांच दूसरे मुकदमों में जेल में बंद हैं। फिलहाल मुकदमे की जांच में पूछताछ की जा रही है।
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दरोगा भर्ती में धांधली की जांच कर रही विजिलेंस को ओएमआर शीट वीड आउट में साजिश का पता चला है।
विजिलेंस के मुताबिक पंतनगर विश्वविद्यालय में ओएमआर शीट नियमों के तहत नष्ट नहीं की गई थी बल्कि उन्हें साजिश के तहत जलाया गया। क्योंकि, इससे पहले की सभी परीक्षाओं की ओएमआर शीट विश्वविद्यालय में मौजूद हैं।
इस मामले को लेकर पिछले दिनों अधिकारियों से पूछताछ की गई थी। जल्द ही विजिलेंस ओएमआर शीट जलाने के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी।
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2015 में हुई दरोगा की सीधी भर्ती में धांधली का पता स्नातक स्तरीय परीक्षा की जांच के दौरान सामने आया था कि कुल भर्ती 339 दरोगाओं में से कम से कम 10 फीसदी दरोगा ओएमआर शीटों में गड़बड़ी कर भर्ती हुए हैं। विजिलेंस जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उनके मिलान के लिए पहले से ही ओएमआर शीटें नहीं मिल रही थीं।
बताया गया कि ओएमआर शीटों को नष्ट कर दिया गया है। शासन के निर्देश पर 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इनमें पंतनगर विश्वविद्यालय का एक डीन भी शामिल है।
पिछले दिनों डीन से हुई पूछताछ:
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पिछले दिनों डीन से पूछताछ की गई थी। विजिलेंस के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ओएमआर शीटों को नियमानुसार वीड आउट नहीं किया गया था। इसके लिए एक कमेटी का गठन होता है। इसकी सहमति पर ही वीड आउट प्रक्रिया होती है। इसके लिए जारी सहमति पर अध्यक्ष और कुछ सदस्यों के हस्ताक्षर ही नहीं हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ओएमआर शीट साजिश के तहत जलाई गई है। जिसमे बहुत गिरफ्तारी हो सकती है।
इस मामले एक अधिकारी से तीन दिन पहले सात घंटे तक पूछताछ की गई थी। अब विजिलेंस की जांच में बहुत से ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिनमें नई गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। ओएमआर शीट को नष्ट करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है।