- संवाददाता विशेष उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट,
गरुड़ ब्लॉक, बागेश्वर-
जब बाकी प्रत्याशी प्रचार में भीड़, बैनर, माइक और नारों का सहारा ले रहे हैं, उस दौर में एक युवा ऐसा भी है जो विकास की स्याही से अपने सपनों को लिखकर घर-घर पहुंचा रहा है। बात हो रही है अमश्यारी, विकासखंड गरुड़ ब्लॉक के युवा रवि पाल की, जिन्होंने ग्राम प्रधान पद के चुनाव को एक आंदोलन, एक शोध और एक सेवा का माध्यम बना लिया है।
विकास के सपनों को किया दस्तावेज़ एक साल से कर रहे तैयारी
रवि पाल ने पिछले एक वर्ष में A4 के पन्नों पर न सिर्फ गांव की समस्याएं दर्ज कीं, बल्कि हर समस्या पर विस्तृत समाधान की योजनाएं भी बनाई,शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, सड़क, युवाओं के लिए रोजगार, महिलाओं की भागीदारी और पारदर्शी पंचायत व्यवस्था हर क्षेत्र में उन्होंने गहराई से अध्ययन कर दस्तावेज तैयार किए।
ड्राफ्ट हाथ में लेकर घर-घर पहुंच रहा प्रत्याशी
आज जब वह प्रचार के लिए निकलते हैं, तो साथ में कोई ढोल-नगाड़ा नहीं, बल्कि गांव के विकास की पूरी रूपरेखा होती है। वह मतदाताओं को सिर्फ़ वादे नहीं करता, बल्कि उन्हें पन्ने दर पन्ने दिखाता है कि यदि वह निर्वाचित हुआ तो गांव की दिशा, दशा और सोच तीनों कैसे बदलेगी।
किसान मंच प्रदेश अध्यक्ष का मिला समर्थन
रवि के इस अनोखे और ज़मीन से जुड़े संघर्ष को देखकर अब उन्हें किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष का भी समर्थन मिल चुका है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा —
“लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व रवि से पहली बार मुलाक़ात हुई थी। तभी उनके अंदर गांव और राज्य के लिए कुछ कर गुजरने का जुनून साफ दिखा। ऐसे ईमानदार और दृष्टिवान युवाओं को आगे लाना हम सबका कर्तव्य है। मैं हमेशा उनके साथ हूं और हर संभव मदद करता रहूंगा।”
“यह सिर्फ चुनाव नहीं, यह गांव के भविष्य की नींव है”
रवि का कहना है — “मैं गांव की तस्वीर बदलना चाहता हूं, सिर्फ नालियां-गड्ढे नहीं, सोच की क्रांति लाना चाहता हूं। मेरा प्रचार एक किताब है, जो गांव के भविष्य का पहला पन्ना बन सकती है।”
उनका यह अलग और ईमानदार प्रचार अब लोगों में चर्चा का विषय बन चुका है।
विजन, अध्ययन और ईमानदारी बन रहे पहचान
उनकी सबसे बड़ी ताकत है उनका विजन — योजनाबद्ध सोच, गहन अध्ययन और जमीन से जुड़ा व्यवहार। जब कोई प्रत्याशी योजनाओं के साथ प्रचार करता है और नारे नहीं, दृष्टिकोण से लोगों का दिल जीतता है — तब वह केवल प्रत्याशी नहीं, बदलाव की नींव बन जाता है।
समर्थन की लहर: युवा, किसान और बुज़ुर्गों से मिल रहा साथ
गांव के युवाओं का कहना है कि रवि उनमें से एक हैं, पढ़े-लिखे हैं और गांव से गहराई से जुड़े हैं। किसानों का विश्वास है कि यह प्रत्याशी खेतों और घरों की असली ज़रूरत समझता है। वहीं बुज़ुर्ग कहते हैं — “बचपन से इस लड़के को देख रहे हैं, अब जब यह सेवा को निकला है, तो हमें भी सेवा का साथ देना चाहिए।”
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