देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (SGRRU) के स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज़ एंड सोशल साइंसेज़ में “रिसर्च कांक्लेव 2025” का सफल आयोजन हुआ। इस दो दिवसीय सम्मेलन (19–20 सितंबर) का मुख्य विषय था – “विकसित भारत – सतत विकास हेतु अनुसंधान और नवाचार”।
कार्यक्रम का आयोजन इतिहास और गृह विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के पथरीबाग स्थित सभागार में किया गया।
नवाचार और स्टार्टअप बने चर्चा का केंद्र
कॉन्क्लेव में शोधार्थियों, शिक्षकों और प्रतिभागियों ने नवाचार, स्टार्टअप, उद्यमिता, पर्यावरण विकास और सतत पर्यटन जैसे विषयों पर अपने शोध पत्र और विचार प्रस्तुत किए।
कुलपति डॉ. कुमुद सकलानी का संबोधन
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) कुमुद सकलानी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज सतत सूचना और ज्ञान के आदान-प्रदान का युग है। उद्यमिता और जल संरक्षण प्रबंधन को जीवनशैली का हिस्सा बनाकर ही पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड की आपदाओं के समय समाज की जिम्मेदारी निभाते हुए पीड़ितों को हरसंभव सहायता पहुँचाई।
मुख्य अतिथि डॉ. सुरेखा डंगवाल ने दी प्रेरणा
मुख्य अतिथि दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) सुरेखा डंगवाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति (NEP) छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने और भविष्य की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक विश्व की अग्रणी शक्ति बनाने के लिए संस्थागत सहयोग और नवाचार बेहद जरूरी है।
उन्होंने युवाओं से क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने और शैक्षिक नवाचारों के माध्यम से भारत को विश्वगुरु बनाने का आह्वान किया।
प्रो. डी.पी. मैठाणी ने स्टार्टअप और मेक इन इंडिया पर किया जोर
इन्नोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर के निदेशक प्रो. (डॉ.) डी.पी. मैठाणी ने शोध, उद्यमिता, स्टार्टअप और मेक इन इंडिया जैसे विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों से कहा कि शोध तभी प्रभावी है जब वह व्यवहारिक जीवन में प्रयोग हो सके।
ग्रीन एनर्जी और सतत विकास पर विचार-विमर्श
कॉन्क्लेव में निम्नलिखित विषयों पर गहन चर्चा हुई –
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ग्रीन एनर्जी और सतत अवसंरचना
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महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक समानता
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जल संरक्षण एवं प्रबंधन
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जलवायु और पर्यावरण संरक्षण
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सांस्कृतिक धरोहर एवं सतत पर्यटन
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सतत कृषि और खाद्य सुरक्षा
शोध पत्र और प्रदर्शनी प्रतियोगिताएं
कार्यक्रम के दौरान शोधार्थियों और छात्रों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुतीकरण, पोस्टर और प्रदर्शनी प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। संयोजक डॉ. सुनील किश्टवाल ने बताया कि विजेता छात्रों को समापन अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।
आयोजन समिति और सहभागिता
इस आयोजन में प्रो. (डॉ.) प्रीति तिवारी (डीन, SHSS) सलाहकार, डॉ. सुनील किश्टवाल संयोजक, डॉ. देवश्री धर सह-संयोजक तथा डॉ. लता सती और डॉ. मोनिका शर्मा संयुक्त संयोजक रहीं।
कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी डॉ. विनोद कुमार पंत और मनोज प्रकाश जगुरी ने निभाई।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष और सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
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