देहरादून: पेंशन, छात्रवृति एवं DBT (DIRECT BENIFIT TRANSFER ) संबंधित मामलों के सुचारू संचालन के संबंध में नया आदेश जारी
उपर्युक्त विषयक मुख्य आयुक्त, उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग, देहरादून के पत्रांक 569/22-15(06)16, दिनांक 13.05.2022 का कृपया संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके द्वारा बैंक विलय (merger) होने के कारण नागरिकों के पेंशन सम्बन्धी मामलों के निस्तारण हेतु आयोग द्वारा अधिनियम की धारा 17 (1) के अंतर्गत निम्नांकित संस्तुतियाँ की गयी हैं :
क) DBT (DIRECT BENIFIT TRANSFER ) से संबंधित विभाग दैनिक समाचार-पत्रों के माध्यम से उन लाभार्थियों को सूचित करें, जिनके बैंकों का विलय हुआ है कि वे अपने नये बैंक का नाम, खाता संख्या और IFSC Code उपलब्ध करा दें। लाभार्थियों की सुविधा हेतु विलय हुये बैंकों की सूची भी दी जा सकती है।
(ख) समस्त संबंधित विभाग अपने लाभार्थियों की सूची देख लें कि उनमें से कोई लाभार्थी बैंक विलय के अंतर्गत तो नहीं आ रहा। अगर ऐसा है तो उन लाभार्थियों से संपर्क स्थापित करते हुये उनके बैंक का विवरण प्राप्त करें।
- अतः इस संबंध में उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग के पत्रांक 569, दिनांक 13.05.2022 की प्रति संलग्न कर प्रेषित करते हुए मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि कृपया अपने विभागान्तर्गत सचिव स्तरीय बैठक कर उपर्युक्त संस्तुतियों पर सेवा का अधिकार अधिनियम की धारा 18 (1) के आलोक में आवश्यक कार्यवाही करते हुये निम्नांकित निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें :
(1) जनपद स्तरीय अधिकारी अपने-अपने विभागाध्यक्षों को इस आशय का प्रमाण-पत्र देंगे कि कितने आवेदक किस बैंक के अंतर्गत आच्छादित हैं एवं उनके जनपदों में जिन लाभार्थियों के बैंक का विलय हो रहा है, उन सब के विवरण प्राप्त कर लिये गये हैं। इस प्रमाण-पत्र के आधार पर समस्त विभागाध्यक्ष शासन में अपने सचिव को सभी लाभार्थियों का विवरण प्राप्त कर सिस्टम को अपडेट किये जाने का प्रमाण पत्र देंगे।
(2) ऐसे मामले जहाँ संपर्क करना संभव नहीं है, की सूची जिला / विभागाध्यक्ष एवं सचिव स्तर पर रखते हुए आयोग को संसूचित किया जायेगा तथा किसी भी स्तर पर शिकायत प्राप्त होने पर कि वांछित पेंशन
संबंधित के बैंक खाते में नहीं आ रही तो इस सूची से मिलान कर संपर्क स्थापित करते हुए मामले का त्वरित गति से निस्तारण सुनिश्चित करेंगे।
( 3 ) समस्त संबंधित विभाग सभी पेंशन, छात्रवृत्ति अथवा किसी भी प्रकार के DBT मामलों में, अगर बैंक विलय होता है, तो लाभार्थियों से बैंक आदि का विवरण प्राप्त करने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।