देहरादून:- यूकेएसएसएससी (UKSSSC) 2021 परीक्षा पेपर लीक मामले में एसटीएफ की नकल माफियाओं के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक जारी है।
यूकेएसएसएससी (UKSSSC) परीक्षा पेपर लीक करने के मामले में उत्तराखंड स्थित एक यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों को एसटीएम की टीम ने देर रात गिरफ्तार किया है।
आपको बता दे कि गिरफ्तार दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी के कब्जे से इस केस से संबंधित कई सबूत एकत्र किए गए हैं।
उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक गूगल सर्च हिस्ट्री ने यूकेएसएसएससी (UKSSSC) परीक्षा पेपर लीक से संबंधित कई राज खोले हैं। जिसके बारे में अभी जांच पड़ताल जारी है। बताया जा रहा है कि एग्जाम से पहली रात को पेपर सॉल्व किए गए थे।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 परीक्षा पेपर लीक कर मामले में अब तक लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सहित 9 लोगो को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया हैं।
एसटीएफ टीम ने पहले गिरफ्तार आरोपियों में से 2 को सितारगंज लेकर पहुंची है। वहां कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। वहीं, दूसरी तरफ लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस के गिरफ्तार कर्मचारी को भी एसटीएफ की दूसरी टीम लखनऊ लेकर पहुंची है।
लखनऊ में (UKSSSC) परीक्षा प्रश्न पत्र लीक से जुड़े अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक करने के मामले में एसटीएफ की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपित दीपक चौहान व भावेश जगूड़ी सेलाकुई स्थित एचएसनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी में संविदा पर कनिष्क सहायक के पद पर कार्यरत थे। मेडिकल यूनिवर्सिटी सेलाकुई के कुछ काम लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है, जिसके चलते अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में कार्यरत जयजीत ने सेलाकुई यूनिवर्सिटी में संविदा कर्मी दीपक और भावेश से मुलाकात हुई।
उसके बाद आयोग कर्मी जयजीत ने लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कर्मचारी अभिषेक वर्मा जिसने पेपर लीक किया, उसकी मुलाकात दीपक व भावेश से करवाई। एसटीएफ जांच के अनुसार दीपक व भावेश ने अभिषेक को लाखों रुपये एकत्र कर पेपर लिया और यूकेएसएसएससी में परीक्षा दी थी, जिसमे भावेश का 157 वीं मेरिट में रैंक आयी, जबकि दीपक फेल हो गया था। फिलहाल, गिरफ्तार दीपक और भावेश ने सेलाकुई एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित किन किन लोंगो को पेपर लीक की जानकारी देकर रुपये वसूले इसकी जांच पड़ताल जारी है।
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, दीपक और भावेश जगूड़ी की पेपर लीक को लेकर सांठगांठ लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी अभिषेक वर्मा से हुई थी। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में तैनात जयजीत ने दीपक और भावेश की मुलाकात अभिषेक वर्मा से कराई थी। आयोग की तरह ही सेलाकुई स्थित इस मेडिकल कॉलेज के गोपनीय कार्य भी लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है।
यही कारण था कि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले अभिषेक ने 36 लाख रुपए लेकर दीपक और भावेश तक पेपर लीक और एग्जाम पेपर सॉल्व का ताना-बाना बुना। अजय सिंह की मानें तो इस केस में अलग-अलग तरह की कुंडलियां कंगाली जा रही है। पेपर लीक कराने से लेकर अभ्यर्थियों के चयन जैसी गड़बड़ियों में किन-किन लोगों का हाथ हो सकता है? इस बारे में विस्तृत जांच पड़ताल अभी जारी है।
(परीक्षा की पहली रात सॉल्व किए गए पेपर)
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 स्नातक परीक्षा पेपर लीक मामले में देर रात जिस यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, उनसे अभी तक की पूछताछ में कई अहम जानकारी प्राप्त हुई हैं। आरोपियों ने बताया कि एग्जाम से एक रात पहले देहरादून में पेपर सॉल्व किए गए थे। इस खुलासे को लेकर एसटीएफ को अहम सबूत और अन्य लोगों के भी सुराग हाथ लगे हैं। जिसके चलते आगे कार्रवाई जारी है।
आरोपी गिरफ्तार दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी यूकेएसएसएससी परीक्षा के पेपर सॉल्व कराने में मदद करते थे। इसके साथ ही ये दोनों शातिर नकल कराने के भी मास्टर थे। उत्तराखंड के यूनिवर्सिटी में कार्यरत जिन दो कर्मचारियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है इनके द्वारा ही यूकेएसएसएससी 2021 परीक्षा पेपर को सॉल्व कर नकल करायी गयी थी।
दोनों ही आरोपी एग्जाम से एक रात पहले देहरादून पहुंचे। जहां इन्होंने फिल्मी अंदाज में एक गुप्त स्थान में जाकर पेपर लीक करने वालों के साथ मिलकर अगले दिन आने वाले परीक्षा प्रश्न पत्र को सॉल्व किया और नकल की सामग्री भी उपलब्ध कराई। फिलहाल इनके साथ और कितना बड़ा नेटवर्क जुड़ा है, इस बात की पूछताछ और जांच पड़ताल चल रही है।