ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
अब अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर लोग खुले तौर पर सामने आ रहें हैं कई बार कुछ ऐसी पोस्ट नजर के सामने आ जाती हैं जो चिंता का कारण होती हैं पूरे सिस्टम और प्रदेश वासियों के लिए।
कुछ ऐसी ही एक पोस्ट फेसबुक पर एक यूजर्स कमल कफलटीया द्वारा की गई हैं,इस पोस्ट पर उनके द्वारा जनपद नैनीताल के चोरगलिया थानाध्यक्ष पर एक तहरीर को लेकर राजीनामा करने सहित कई गंभीर आरोप लगाएं हैं,फेसबुक यूजर्स द्वारा बकायदा थानाध्यक्ष की फ़ोटो तक पोस्ट की गई हैं।
जब हमने यूजर्स की पड़ताल करने की कोशिश करी तो पता चला कमल कफलटीया हल्द्वानी के रहने वाले हैं गौलापार में बीती 11 जुलाई को इनपर मारपीट हुई थी,जिसके बाद इन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने अगले दिन इनकी मदद करने के बदले इनपर की को वापसी लेने के लिए दबाव बनाया और राजीनामा करने को कहा यही नहीं उनका आरोप यह भी हैं की थानाध्यक्ष ने उलटा इनपर केस दर्ज करने के लिए सूचना का समय उनकी दी एफआईआर में बदल दिया।
कमल ने बताया उनका एक मामला 2020 से चल रहा हैं उनकी बहन गौलापार रहती थी जिसकी 2020 में हत्या कर दी गई वह अपने भांजे भांजी से मिलने वहां गए थे वह पेशे से शिक्षक हैं उनको लगातार जान से मारने की भी धमकियां मिल रही थी उन्होंने सुरक्षा की गुहार भी पुलिस से लगाई हैं,वही पूरे प्रकरण को लेकर इनके द्वारा अपने फेसबुक से एक वीडियो भी पोस्ट किया हैं जहां पर उन्होंने पुलिस और अन्य लोगो पर आरोप लगाएं हैं तो वही समाज और पत्रकारों से सहयोग भी मांगा हैं।
पर, अब सवाल यह हैं की यदि आम नागरिक इस तरह सोशल मीडिया में पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली के लिए खुला लिखने लगेंगे तो जनपद नैनीताल की पुलिस और खाकी की क्या इज्जत रह जाएगी और इन खाकीधारियों पर क्या भरोसा।
इस संदर्भ में हमने एसएसपी नैनीताल महोदय से संपर्क करने का प्रयास किया तो उनका फोन नहीं उठा वही थानाध्यक्ष चोरगलिया का कहना हैं की दो पक्षों में क्रॉस एफआईआर का मामला हैं आरोप तो कोई भी लगा देगा आप जानकारी के लिए मुझसे यहां आकर मिल लें
फेसबुक पर इस पोस्ट पर अब पुलिस को लेकर तरह तरह के कमेंट आ रहें हैं लोग लिख रहें हैं धिक्कार हैं ऐसे अधिकारियों पर तो कोई लिख रहा हैं ऐसे अधिकारी पुलिस में रहें तो सारी कोर्ट बंद कर देनी चाहिए ये खुद ही न्यायधीश बन जायेंगे,कमल कफलटिया नाम के यूजर्स से थानाध्यक्ष बी एस राना की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा हैं की…गौर से देखें यह है BS Rana
उत्तराखंड पुलिस का यह व्यक्ति उत्तराखंड पुलिस के लिए कलंक है।
यह थाने में बैठकर आपको राजीनामे के लिए धमकाता है ,यही नहीं राजीनामा नहीं करने पर आपके ख़िलाफ़ झूठा मुक़दमा कर देता है ,उससे भी आगे बढ़कर आपकी FIR में घटना की सूचना का समय ही बदल देता हैं ताकि आपके ख़िलाफ़ पहले ही मुक़दमा दर्ज हो जाये।
सवाल यह हैं कि न्याय का सौदा करने के लिए ऐसे पुलिस अधिकारी कितने लाखों की घूस लेते है?
इस व्यक्ति के खिलाफ तत्काल जॉंच होनी चाहिए क्योंकि यही वह कड़ी हैं जहां से केस को ख़त्म करने की शुरुआत हो चुकी हैं।
हालाँकि सच्चाई जल्द सामने आयेगी वही उन्होंने इसे लेकर वीडियो पोस्ट की और लिखा सम्पूर्ण घटना
गौलापार में 11 July को जानलेवा हमला हुआ
स्थानीय पुलिस हमलावरों पर कार्रवाई करने के बजाय इन्हें संरक्षण दे रहीं हैं और पीड़ित को मुजरिम बना रहीं हैं।
आपकी गाड़ी को ज़बरदस्ती रोककर आपके ऊपर जानलेवा हमला किया जा सकता हैं और पुलिस ऐसे हमलावरों को संरक्षण देगी ,यह उत्तराखंड पुलिस की न्यायप्रियता है।
कहॉं गये जो ऐसे पुलिस वालों का समर्थन करते हैं।
क्या सत्ता व अहंकार में भारतीय नागरिकों की हत्या करना आम बात नहीं हैं?
पुलिस थानों के बाहर गुंडा संरक्षण थाना लिख देना चाहिए।
एक दिन यही घटना आपके साथ भी हो सकती हैं तब आप भी न्याय के लिए आवाज़ उठाना।
अब देखना होगा पुलिस के उच्च अधिकारी इस फेसबुक पोस्ट पर लगे गंभीर आरोपों को कितना गंभीरता से लेते हैं और क्या आगे कार्यवाही की जाती हैं साथ ही यह भी देखना होगा पुलिस ऐसी घटनाओं के बाद जनता का खाकी से कम होता विश्वास कैसे बड़ाती हैं।
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