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आबकारी नीति-2025 की प्रमुख विशेषताएँ
1. धार्मिक स्थलों के पास शराब बिक्री पर प्रतिबंध
धार्मिक और संवेदनशील स्थलों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने इन क्षेत्रों में शराब की दुकानों को बंद करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
2. उप-दुकान (Sub Shops) की व्यवस्था समाप्त
नई नीति के तहत वर्तमान में संचालित उप-दुकानों की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है, जिससे शराब बिक्री का नियमन अधिक पारदर्शी होगा।
3. मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था खत्म
राज्य में संचालित मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इससे शराब की बिक्री को अधिक नियंत्रित और उपभोक्ता हितैषी बनाया जा सकेगा।
4. ओवररेटिंग करने पर लाइसेंस रद्द होगा
सरकार ने ओवररेटिंग (अधिक दाम वसूलने) की शिकायतों पर सख्ती दिखाई है। अब यदि किसी दुकान पर एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेची गई, तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
5. डिपार्टमेंटल स्टोर में भी लागू होगी MRP
अब डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी शराब की बिक्री अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर ही होगी। इससे उपभोक्ताओं का शोषण रुकेगा।
6. राजस्व लक्ष्य और उपलब्धियाँ
- 2023-24 में निर्धारित 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।
- 2024-25 के लिए 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।
- 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
7. मदिरा दुकानों के लिए द्विवर्षीय नवीनीकरण व्यवस्था
अब शराब दुकानों के आवंटन की अवधि दो वर्षों (2025-26 और 2026-27) के लिए होगी, जिससे व्यवसायिक स्थिरता बनी रहेगी।
8. प्रदेश के नागरिकों को प्राथमिकता
मदिरा व्यवसाय में उत्तराखंड के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और आर्थिक संबल मिलेगा।
9. शराब दुकान आवंटन प्रक्रिया पारदर्शी होगी
लॉटरी, प्रथम आवक-प्रथम पावक (First Come-First Serve) और अधिकतम ऑफर जैसी पारदर्शी प्रक्रियाओं के तहत शराब की दुकानें आवंटित की जाएंगी।
10. पर्वतीय क्षेत्रों में वाईनरी को बढ़ावा
पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों और बागवानों को अपनी फसलों का सही मूल्य मिले, इसके लिए अगले 15 वर्षों तक वाईनरी उद्योग को आबकारी शुल्क से छूट दी गई है।
11. निर्यात शुल्क में छूट से निवेश को बढ़ावा
मदिरा उद्योग में नए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक्सपोर्ट ड्यूटी (निर्यात शुल्क) में कटौती की गई है, जिससे रोजगार और राजस्व में वृद्धि होगी।
12. पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योग संवर्धन
अब माल्ट और स्प्रिट उद्योगों को पहाड़ी क्षेत्रों में स्थापित करने के लिए विशेष सुविधाएँ दी जाएंगी। इससे पहाड़ों में भी औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
13. थोक मदिरा अनुज्ञापन में स्थानीय लोगों को लाभ
पहले थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल मदिरा निर्माता कंपनियों को दिया जाता था, लेकिन अब उत्तराखंड के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
14. स्थानीय कृषि उत्पादों से शराब निर्माण को बढ़ावा
प्रदेश में स्थापित आसवनी इकाइयों (डिस्टिलरी) को स्थानीय कृषि और बागवानी उत्पादों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
15. मदिरा के प्रति जागरूकता अभियान
नई नीति के तहत जिम्मेदार मदिरा सेवन (Responsible Drinking) को बढ़ावा देने और शराब के दुष्प्रभावों से जागरूक करने के लिए प्रचार अभियान चलाए जाएंगे।
नई आबकारी नीति से क्या होगा फायदा?
✔️ धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहेगी
✔️ उपभोक्ताओं को शराब MRP पर मिलेगी
✔️ स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिक अवसर
✔️ शराब दुकानों का संचालन अधिक पारदर्शी
✔️ किसानों और बागवानों को आर्थिक मजबूती
✔️ उत्तराखंड के राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार की आबकारी नीति-2025 स्थानीय निवेश, रोजगार और राजस्व वृद्धि के नए अवसरों को जन्म देगी। साथ ही, जनहित को प्राथमिकता देते हुए इसे अधिक पारदर्शी, नियंत्रित और अनुशासित बनाया गया है। इससे प्रदेश में आर्थिक उन्नति के साथ-साथ सामाजिक संतुलन भी बना रहेगा।