रिपोर्ट- जगदम्बा कोठारी
रुद्रप्रयाग। अभिभावकों द्वारा जबरदस्ती अपने बच्चों पर अनैतिक पढ़ाई का दबाव बनाना कभी-कभी बच्चों के जीवन पर भारी पड़ जाता है। ऐसा ही एक मामला जनपद के जखोली विकासखंड से देखने को सामने आया है। जहां एक 14 वर्षीय नाबालिक छात्र ने संस्कृत महाविद्यालय में एडमिशन लेने से मना कर दिया। लेकिन अभिभावक उसे संस्कृत महाविद्यालय में प्रवेश दिलाना चाहते थे। दबाव के चलते 14 वर्ष के छात्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। जखोली के एक नाबालिग छात्र को उसके परिजन छात्र को संस्कृत विद्यालय में प्रवेश दिलाना चाहते थे लेकिन छात्र ने संस्कृत महाविद्यालय में प्रवेश लेने से साफ मना करते हुए जखोली के ही स्थानीय विद्यालय में प्रवेश लेने ने की इच्छा जताई। जिस पर परिजन तैयार नहीं हुए। लगातार दबाव के चलते छात्र अवसाद में आ गया और उसने सोमवार सुबह घर पर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र के शव को रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
जिसके बाद छात्र की अंत्येष्टि की जाएगी। जवान बेटे की मौत के बाद घर में परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है तो वहीं स्थानीय जनता में भी शोक का माहौल है।