उत्तराखंड में लंबे समय से रिक्त चल रहे IAS पदोन्नति कोटे (Promotion Quota) के तहत जल्द ही DPC (Departmental Promotion Committee) की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। इससे कई वरिष्ठ PCS अधिकारियों को IAS कैडर में शामिल होने का अवसर मिल सकता है।
निधि यादव को मिल सकती है राहत
DPC सूची में सबसे पहला नाम निधि यादव का है, जिन्हें पहले ही IAS प्रमोशन के लिए प्रस्तावित किया गया था, लेकिन विजिलेंस जांच के चलते प्रमोशन रुका हुआ था। अब जब उन्हें Vigilance से क्लीन चिट और केंद्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है, तो उनके लिए रास्ता साफ हो गया है। इसके अलावा बंसीलाल राणा और नरेंद्र सिंह कुड़ियाल को भी IAS कैडर में पदोन्नत किया जा सकता है।
2024 में 4 पद रिक्त, 2027 तक खाली होंगे कुल 10 पद
फिलहाल IAS कैडर में पदोन्नति कोटे के तीन पद रिक्त हैं, जबकि 2024 में चार IAS अधिकारियों के रिटायरमेंट के चलते अतिरिक्त रिक्तियां बनी हैं। इनमें अरविंद सिंह हयांकी, विनोद रतूड़ी, विजय कुमार यादव और उदय राज सिंह शामिल हैं।
2027 तक कुल 10 पदों पर PCS अफसरों को IAS प्रमोट किया जा सकता है, बशर्ते सुप्रीम कोर्ट से वरिष्ठता सूची को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय आ जाए।
वरिष्ठता सूची सुप्रीम कोर्ट में लंबित, फैसले का इंतजार
PCS अफसरों की Final Seniority List का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिससे पदोन्नति प्रक्रिया रुकी हुई है। All India Services Rules के अनुसार, किसी PCS अधिकारी को IAS में प्रमोट करने के लिए उसकी सेवा अवधि कम से कम 4 साल की होनी चाहिए, और रिटायरमेंट में भी 4 साल से ज्यादा का समय बचा होना चाहिए।
2025 से 2027 तक रिटायर होंगे ये IAS अधिकारी
-
मई 2025: हरिश्चंद्र सेमवाल
-
फरवरी 2026: दीपेंद्र चौधरी
-
अप्रैल 2026: देव कृष्णा तिवारी
-
मार्च 2027: उमेश नारायण पांडे
-
जून 2027: विनय शंकर पांडे
-
जुलाई 2027: सुरेंद्र नारायण पांडे
इन सभी रिटायरमेंट्स को जोड़कर वर्ष 2027 के अंत तक IAS कैडर में कुल 10 पद रिक्त हो जाएंगे।
इन वरिष्ठ PCS अधिकारियों को मिल सकता है प्रमोशन का लाभ
सीनियरिटी लिस्ट के अनुसार, जिन PCS अधिकारियों को IAS प्रमोशन का लाभ मिल सकता है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
-
जीवन सिंह नग्नयाल
-
सादिया आलम
-
ललित नारायण मिश्रा
-
अशोक कुमार पांडे
-
विप्र त्रिवेदी
-
अभिषेक त्रिपाठी
-
शिवकुमार बरनवाल
-
ईलागिरी
-
राहुल गोयल
-
जय भारत सिंह
कुछ मामलों में जांच बनी बाधा
रामजी शरण शर्मा की जांच पूरी हो चुकी है, और अब उन्हें 7600 ग्रेड पे से प्रमोट कर 8700 ग्रेड पे पर लाया जा सकता है। वहीं भवन चलाल और तीरथ पाल जैसे अफसरों के मामले अभी जांच के दायरे में हैं, जिससे उनका प्रमोशन फिलहाल लंबित है।