उत्तराखण्ड के होनहार 45 वर्षीय नीतीश फरासी ने विषम परिस्थितियों के बावजूद सफलता का ऊंचा मुकाम हासिल किया है। नीतीश मूल रूप से देहरादून जिले के गुजराड़ा मानसिंह के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक लेखाकार की परीक्षा में 5वीं रैंक हासिल की है। जिसके बाद उन्हें सूचना एवं संपर्क विभाग में पहली नियुक्ति मिली है। नीतीश की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है।
बता दें, नीतीश ने अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय गुजराड़ा मानसिंह से प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा राजकीय इंटर कॉलेज गुजराड़ा मानसिंह से उत्तीर्ण की। उन्होंने डीएवी कॉलेज, करणपुर, देहरादून से बी.कॉम की डिग्री प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू कर दी। इसी दौरान उनके सेवानिवृत्त सैनिक पिता ज्ञान चंद्र फरासी का निधन हो गया।
परिवार पर टूटे इस दुख के पहाड़ ने उनके लिए मुश्किल हालात पैदा कर दिए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि उनकी मां ज्ञान बाला एक कुशल गृहिणी हैं। वहीं, उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय मां काली और बजरंगबली के आशीर्वाद को दिया, जिसके चलते उन्हें यह अभूतपूर्व सफलता मिली है।
आपको बता दे कि नीतीश फरासी ने बिना किसी कोचिंग के इस परीक्षा में सफलता हासिल करते हुए 5वीं रैंक हासिल की है। वह अब सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए प्रेरणादायक बन गये है।
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