रिपोर्ट : कार्तिक उपाध्याय
उपनल कर्मियों ने एक बैठक का आयोजन कर सरकार पर दोहरे चरित्र और दिखावे के आरोप लगाएं हैं उनका कहना हैं कि,उत्तराखण्ड की वर्तमान सरकार द्वारा मोदी सरकार को दिखाया जा रहा है कि हमारे राज्य में लगातार रोजगार दिये जा रहे हैं किन्तु यह नहीं दिखाया जा रहा कि कितने लोगों को बेरोजगार किया जा रहा है।
संज्ञान में आया है कि कृषि विभाग उत्तराखण्ड में जिन 67 पदों पर सहायक लेखाकारों की नियमित नियुक्ति की गयी है उन पदों पर उपनल के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों को बरोजगार कर दिया गया है,जो कि सहायक लेखाकार के पद पर विगत 10 से 15 साल से कार्यरत थे,इन उपनल कर्मियों के समक्ष आजीविका का संकट पैदा हो गया है।
सरकार द्वारा उपनल के सचिव के माध्यम से आदेश जारी किया गया है कि बिना किसी ठोस कारण के किसी को नहीं हटाया जायेगा,किन्तु सरकार का ही कहना है कि नियमित नियुक्त किये जाने पर उपनल कार्मिकों की सेवाओं की आवश्यकता नहीं होगी।
सचिव द्वारा यह भी कहा गया है कि बाहर किये गये उपनल कार्मिकों को 1 माह के भीतर पुनः समायोजित किया जायेगा किन्तु यह संज्ञान में नहीं लाया गया है कि समायोजन के पश्चात इन कार्मिकों की पूर्व की सेवा को भी जोड़ा जायेगा अथवा नहीं।
जो भी कार्मिक अभी बेरोजगार कर दिये गये हैं उनके जीवन यापन हेतु सरकार द्वारा क्या व्यवस्था की जायेगी,संज्ञान में यह भी आया है कि कृषि विभाग में पूर्व में उपनल के माध्यम से कार्यरत सहायक लेखाकारों का वाद माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित है जिस पर अन्तिम निर्णय आना बाकी है,माननीय न्यायालय द्वारा सरकार से विभिन्न विभागों में रिक्त सहायक लेखाकारों के पदों की अद्यतन जानकारी भी चाही गयी है,उक्त वाद का निर्णय 9 अप्रैल को आना है जिससे पूर्व ही धामी सरकार द्वारा नियमित नियुक्ति कर उपनल कार्मिकों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए उनका भविष्य अंधकारमय कर दिया है।
दिनांक 02/03/2024 को उपनल संविदा कर्मचारी संघ द्वारा एक बैठक की गयी,जिसमें प्रदेश अध्यक्ष द्वारा कहा गया कि राज्य कर विभाग व कृषि विभाग में 15 से 20 वर्षों से कार्य कर रहे 168 उपनल कर्मचारियों को बिना किसी कारण व बिना कोई नोटिस दिए नौकरी से हटा दिया गया है,एक तरफ श्री पुष्कर सिंह धामी,मा० मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र में 6 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कर रहे है वहीं दूसरे दिन ही राज्य कर विभाग व कृषि विभाग ने 168 उपनल कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है,यहाँ यह भी अवगत कराना है कि जब श्री पुष्कर सिंह धामी जी विधायक थे तब वह उपनल कर्मचारियों को नियमित करने की मांग करते थे किन्तु मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके कार्यकाल में लगातार वर्षों से कार्य कर रहे सैकड़ों उपनल कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल श्री बाबुलकर साहब द्वारा भी मा० उच्च न्यायालय नैनीताल के सुझाव पर राज्य सरकार को भी पत्र लिखकर कहा है कि लम्बे समय से कार्य कर रहे आउटसोर्स के कर्मचारियों को झारखंड बनाम नरेन्द्र तिवारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश वर्ष 2018 को आधार बनाते हुए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम बनाकर आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जा सकता है जो कि राज्य हित में भी है और इससे राज्य के हजारों युवाओं को लाग मिलेगा।
उपनल कर्मियों की बैठक में रमेश शर्मा,गणेश गोस्वामी,मनोज जोशी,पूरन भट्ट,तेजा बिष्ट,विनोद बिष्ट,मनोज गढकोटी आदि उपस्थित थे।
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