इंसान को छोड़िए जानवरों के अस्पताल में भी लुटे जा रहे पहाड़ के ग्रामीण
रिपोर्ट : कार्तिक उपाध्याय
रामगढ़ नैनीताल : आज का दिन है 23 मार्च और उत्तराखंड को बने हुए भी 23 वर्ष पूरे हो ही चुके हैं,उत्तराखंड आज भी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है।
अस्पतालों की बात करें तो सरकारी अस्पतालों में इंसान को इलाज नहीं मिलता तो,वही नैनीताल जनपद के पशु चिकित्सालय से भी ग्रामीणों को लूटने की खबर सामने आई है।
रामगढ़ ब्लॉक के भीनयाल गांव स्थित पशु चिकित्सालय में जब एक ग्रामीण अपने कुत्ते को लेकर पहुंचा,तो पहले उसे वहां पर डॉक्टर उपस्थित नहीं मिले और कंपाउंडर द्वारा मात्र एक रेबीज इंजेक्शन लगाने के ₹400 मांगे गए।
पशु प्रेमी करन नेगी ने ₹400 दे दिए लेकिन जब फिर वह दो दिन बाद अस्पताल पुनः पहुंचे तो फिर एक इंजेक्शन के लिए वहां उपस्थित कर्मचारी धर्मेंद्र सिंह ने ₹200 की मांग करी,लेकिन जब ग्रामीण द्वारा इसकी सरकारी रसीद मांगी गई तो उन्होंने देने से साफ इनकार कर दिया।
डिजिटल युग में फिर करन नेगी ने अपना फोन निकाला और उनकी वीडियो बनाना शुरू किया। जब ग्रामीण द्वारा कहा गया कि पैसा देने के लिए वह तैयार है। लेकिन इसकी सरकारी रसीद दे दी जाए तो उसके बाद धर्मेंद्र सिंह ने ₹20 की सरकारी पर्ची काटकर कुत्ते को इंजेक्शन दिया।
अब सवाल यह है कि जहां पहाड़ के ग्रामीण एक तरफ इंसान इलाज के लिए भी तरस रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पहाड़ पर बने पशु चिकित्सालय में कार्यरत कर्मचारी भी पहाड़ के भोले भाले ग्रामीणों को खुलेआम लूट रहे हैं आखिर क्यों?
रामगढ़ ब्लॉक के ही एक निवासी मनोज नेगी द्वारा इसकी सूचना उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट को दी गई जिसके बाद हमने परेशान ग्रामीण से भी बात करी तो वही चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर चित्रा जोशी जी से भी बात हुई।
डॉक्टर का कहना था कि वह ट्रेनिंग में गई हुई थी जिस वजह से वह अस्पताल में मौजूद नहीं थी,उनके संज्ञान में यह मामला आ चुका है लिखित शिकायत का इंतजार है उसके बाद कर्मचारी धर्मेंद्र सिंह के ऊपर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
परंतु अब सूचना यह भी है कि करन नेगी द्वारा लिखित में शिकायत चिकित्सक को कर दी गई है।
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