उत्तराखंड की बेटी और अंतरराष्ट्रीय तैराक वंदिता धारियाल जिसने 600 से ज्यादा मेडल और 50 से ज्यादा ट्रॉफी जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। यह उत्तराखंड के लिए अपने आप में गर्व की बात है जो आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देगी। सरकार को चाहिए कि उत्तराखंड की ऐसी बेटी को जिसने उत्तराखंड का नाम रोशन कर दिया है उसे सम्मानित करना चाहिए।
वैसे तो वंदिता धारीवाल किसी पहचान की मोहताज नहीं,इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवाया है,लेकिन उससे भी बड़ी बात है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतनी उपलब्धियां पाने के बाद भी यह बेटी अपनी मिट्टी से जुड़ी हुई है।
वंदिता धारियाल शादी के परिणय सूत्र में बंध गई हैं।
वंदिता अपने जीवन के इस खास मौके के लिए रामनगर पहुंची,यहां उनकी शादी की सारी रस्में कुमाऊंनी रीति-रिवाज से पूरी की गई।वंदिता धारियाल की शादी के लिए भव्य आयोजन किया गया था, जहां वह परिणय सूत्र में बंधी।
बता दें वंदिता देश की वो 14वीं महिला है, जिन्होंने 2017 में इंग्लिश चैनल पर 13 घंटे में तैरकर पार करने की रिकॉर्ड बनाया है।
कुमाऊं से गुजरात के अहमदाबाद में जा बसे धारियाल परिवार के लिए खुशी का मौका है।योगेश धारियाल की बेटी वंदिता धारियाल की जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकुली रिसॉर्ट में कुमाऊंनी रीति-रिवाज से शादी हुई। वंदिता एक तैराक हैं,जिन्होंने 3 साल की उम्र से तैराकी करना शुरू कर दिया था।
वंदिता धारियाल ने साल 2017 में इंग्लिश चैनल को पार करने की रिकॉर्ड बनाया है।
वंदिता अहमदाबाद में ही पली बढ़ी है।वंदिता को कुमाऊं से भी बहुत लगाव रहा है। यही कारण है कि उन्होंने शादी के लिए कुमाऊं की जमीन को चुना है।
वंदिता को इस पर भी गर्व है कि कभी उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर पुरस्कृत करने वाले नरेंद्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री हैं।
वंदिता के पिता अहमदाबाद में एक केमिकल फैक्ट्री चलाते हैं। वंदिता के पिता बताते हैं कि उनके पिताजी को पढ़ने का बहुत शौक था, इसलिए वह उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए।उसके बाद वह गुजरात में ही आकर बस गए।इसके बाद भी अपनी धरती से उनका लगाव लगातार बना रहा।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग के पास उनका गांव है। जहां उनका आना-जाना लगा रहता है। पिता के समय से ही गांव से उन्हें खासा लगाव रहा है।इसलिए वे अपनी बेटी वंदिता की शादी रामनगर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में कर रहे हैं।
एक नजर वंदिता की उपलब्धियों पर :
वंदिता ने 2009 विश्व एक्वेटिक्स चैंपियनशिप में विभिन्न तैराकी प्रतियोगिताओं में भाग लिया था।
2009 के एशियाई इंडोर खेलों में शॉर्ट कोर्स तैराकी में भी भाग लिया था।
2010 के दक्षिण एशियाई खेलों में 100 मीटर बटरफ्लाई तैराकी में रजत पदक जीता।
2017 में वह अंग्रेजी चैनल तैरने वाली गुजरात राज्य की पहली महिला बनी।