देशभर में अस्पतालों में अग्निकांड की तमाम घटनाएं इस साल सामने आ चुकी हैं। अग्निकांड के बाद पता चला कि कहीं बचाव के साधन नहीं थे तो कहीं कर्मचारियों को उपकरण ही चलाने नहीं आते थे। प्रदेश के अस्पताल भी अग्निकांड से बेपरवाह नजर आ रहे हैं। यहां भी बड़े 67 अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं है। ऐसे अस्पतालों को अब फायर सर्विस की ओर से एनओसी प्राप्त करने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से कई ने अब प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, अंतिम आंकड़ा अभी फायर सर्विस के पास आना बाकी है।
दरअसल, 27 अप्रैल को फायर सर्विस की ओर से प्रदेश के अस्पतालों में एनओसी की जांच और बचाव के लिए प्रशिक्षण देने की शुरुआत की गई थी। इस अभियान में कुल 177 बड़े अस्पतालों को शामिल किया गया था। जांच में पता चला कि इनमें से 110 के पास ही फायर सर्विस की एनओसी है। एनओसी का समय-समय पर नवीनीकरण भी कराया जा रहा है। लेकिन, 67 बड़े अस्पताल ऐसे मिले जिनके पास फायर की एनओसी नहीं थी। इनमें कई ऐसे भी थे जिन्होंने कई-कई सालों से एनओसी का नवीनीकरण नहीं कराया था। फायर सर्विस की ओर से अब इन अस्पतालों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। तय समय पर एनओसी न लेने पर इनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
500 वर्गमीटर वाले अस्पतालों को फायर सर्विस देता है एनओसी।
अस्पतालों में अग्निकांड से बचाव के उपकरण और पर्याप्त साधन होने आवश्यक हैं। संबंधित विकास प्राधिकरण नक्शा भी इसी शर्त पर पास करता है। लेकिन, 500 वर्गमीटर से ज्यादा कवर्ड एरिया और 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले अस्पतालों के भवन को शुरू करने से पहले फायर सर्विस से एनओसी लेना आवश्यक है। इससे छोटे अस्पतालों को प्राधिकरण की ओर से ही सर्टिफिकेट दिया जाता है। हालांकि, फायर सर्विस विभाग को सूचना इन अस्पतालों को भी देनी होती है।
कर्मचारियों को किया जा रहा है प्रशिक्षित
बता दें कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बागपत में एक अस्पताल में आग लगी थी। आग के बाद पता चला कि यहां पर आग बुझाने के उपकरण तो मौजूद थे, लेकिन किसी भी कर्मचारी को इन्हें चलाना नहीं आता था। ऐसे में गत 27 अप्रैल से ही फायर सर्विस की ओर से प्रदेश के सभी अस्पतालों में अभियान चलाकर कर्मचारियों को उपकरण चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। पिछले दिनों वनाग्नि की घटनाओं के बढ़ने के कारण इस अभियान की गति धीमी हुई थी, लेकिन अब फिर से इसे तेज करने के आदेश फायर सर्विस विभाग की ओर से दिए गए हैं।फायर सर्विस की ओर से 27 अप्रैल से अभियान चलाया जा रहा है।
फायर सर्विस डीआईजी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि बड़े अस्पतालों में एनओसी की जांच की जा रही है। साथ ही यहां पर कर्मचारियों को अग्निशामक यंत्रों को चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अग्निकांड होने पर किस तरह से लोगों को बचाया जा सकता है, हर बारीकी को कर्मचारियों और प्रबंधन को जानकारी दी जा रही है। अभियान की शुरुआत में कुल 67 बड़े अस्पताल ऐसे थे जिनके पास एनओसी नहीं थी। इन्हें एनओसी प्राप्त करने के लिए कहा जा रहा है। निश्चित समयावधि में एनओसी न लेने पर अग्रिम कार्रवाई भी फायर सर्विस विभाग की ओर से की जाएगी।
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