ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
कल हल्द्वानी स्तिथ राजकीय चिकित्सालय डॉ सुशीला दिवारी अस्पताल एक मानवता को शर्मसार करने की खबर सामने आई जिसके बाद से पूरे शहर में चर्चा का विषय दिनभर यहीं रहा।
यहां इलाज के लिए भर्ती गेठिया नैनीताल निवासी 67 वर्षीय गीता देवी को अस्पताल के ही इमरजेंसी वार्ड में जिंदा जलाकर हत्या करने का प्रयास किया गया,यह प्रयास किसी दुश्मनी के चलते नहीं बल्कि उनके ही कोख से जन्मे उनके 35 वर्षीय बेटे मोहन ने किया।
लगभग 11 बजे मोहन एक बोतल में पेट्रोल पंप से पेट्रोल लेकर इमरजेंसी वार्ड जा पहुंचा जहां पर उसकी मां भर्ती थी और उसने पेट्रोल मां पर छिड़क दिया और लाइटर से आग लगाने लगा,गनीमत यह रही की मां के पास खड़ी उसकी बुआ ने यह सब देख लिया और शोर मचा दिया जिसके बाद अस्पताल में तैनात कर्मचारियों और चिकित्सकों ने बमुश्किल उसे एक कमरे में बंद कर पुलिस को इसकी सूचना दी,मोहन चिल्ला रहा था तेरे इलाज से दुखी हो चुका हूं,पुलिस ने मोहन को गिरफ्तार कर लिया।
अब उसके बाद सवाल उठने लगे हैं आखिर बोतल में पेट्रोल न देने का नियम होने के बाद भी आखिर शहर के किस पेट्रोल पंप ने मोहन को पेट्रोल दिया क्या पुलिस उसपर कोई कार्यवाही करेगी?
सबसे अहम और महत्वपूर्ण हैं अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों सहित,वहां पर आएं तीमारदार,डॉक्टर स्टाफ की सुरक्षा का,आखिर अस्पताल में क्या सुरक्षा के लिए लगा पूरा तंत्र गैर जिम्मेदार हैं,आखिर इतनी आसानी से पेट्रोल लेकर अस्पताल के अंदर आग लगाने कोई कैसे धमक सकता हैं।
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