ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड के युवा पिछले दो वर्ष से लगातार अपने भविष्य को लेकर आंदोलन कर रहें हैं ये वहीं युवा हैं जिन्होंने पिछले वर्ष उत्तराखंड की पूरी भर्ती व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे,पिछली सरकार और वर्तमान सरकार में हुए घोटालों की एक खुली किताब इन युवाओं ने प्रदेश के नेताओं और नागरिकों के सामने खोलकर रख दी थी,जिसके बाद प्रदेश की सियासत पूरे देश में बदनाम हुई और सफेदपोशों के दाग लगे।
उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार और भाजपा के समर्थकों ने वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश के भीतर एक युवा नेतृत्व के रूप में प्रदर्शित करने का काम किया और पूरे प्रदेश में सोशल मीडिया सहित सूचना संपर्क विभाग द्वारा इसका खूब प्रचार किया इस काम से भले ही प्रदेश के अंदर भाजपा के संगठन को पार्टी का झंडा डंडा उठाने के लिए युवा कार्यकर्ता तो जरूर मिले लेकिन प्रदेश के अंदर शिक्षित बेरोजगारों की उम्मीदों में धामी खरे नहीं उतर पाएं,प्रदेश में आंदोलन कर रहें युवाओं ने मुख्यमंत्री धामी को तानाशाह शासक के रूप में देखना शुरू कर दिया,क्योंकि एक बार भी इतने घोटाले उजागर करने और आंदोलन पर युवा मुख्यमंत्री ने इन युवाओं से मुलाकात करना जरूरी नहीं समझा।
अब हालत ये हो चुके हैं की इन युवाओं को युवा मुख्यमंत्री धामी से कोई उम्मीद ही नहीं रह गई यह सीएम धामी या किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री की भविष्य राजनीति के लिए अच्छा संदेश नहीं माना जा सकता,की उनके सूबे का शिक्षित युवा उनसे खुश नहीं हैं और इस समय उत्तराखंड के सीएम के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जी को वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु के रूप में देखा जाता है,यह सच है कि पुष्कर सिंह धामी आज जिस औहदे पर पहुंचे हैं उसमें उनके राजनीतिक गुरु भगत सिंह कोश्यारी का पूरा सहयोग आशीर्वाद मिला है,और यही कारण है कि लगातार आंदोलन कर रहे बेरोजगार युवा और उनके शिष्य से उम्मीद खो चुके युवा अब उनकी शिकायत लेकर और अपनी मांगों को लेकर उनके राजनीतिक गुरु के पास पहुंचे हैं,उन्होंने सीधा कहा कि उनके शिष्य मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तराखंड के युवाओं की,बेरोजगारों की बात बिल्कुल भी नहीं सुनते।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ का एक प्रतिनिधिमंडल बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात करने पहुंचा,जिसमें उन्होंने अपनी मांगों का एक ज्ञापन पूर्व मुख्यमंत्री को सौंपा और मुख्यमंत्री की शिकायत भी गुरु से की,एक तस्वीर शेयर करते हुए बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने लिखा है की..
*”मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी बेरोजगारों से मिलना नहीं चा रहे हैं, ऐसे में हमने उनके राजनीतिक गुरु पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री भगत सिंह कोश्यारी जी से उनके आवास में मुलाकात की, हमने साफ कहा कि मुख्यमंत्री जी बेरोजगारों से मिलना नहीं चाहते और सभी बिंदु पर अवगत कराया….माननीय भगत कोश्यारी जी ने CM और मुख्य सचिव जी के समक्ष सभी बिंदुओं पर खुद बात करने की बात कही है”*
अब यह वाकई राज्य के भीतर एक बड़ा सवाल है कि जिस तरह राज्य में पेपर लीक हो रहे हैं,भर्ती परीक्षाओं में घोटाले हो रहे हैं उसमें कहीं ना कहीं सत्ता पक्ष विपक्ष सभी की मिली भगत सामने निकल कर आती है,पूंजीपति युवाओं के भविष्य को बेचते हैं और उसके बाद भी आंदोलन करने वाले युवाओं से मुख्यमंत्री एक बार भी मुलाकात नहीं करते हैं या मुलाकात करना जरूरी नहीं समझते क्या यह किसी राजनीतिक व्यक्ति का अहंकार हो सकता हैं,तो इन हालातों में राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब युवाओं के बीच कभी अपनी मजबूत पकड़ बना भी पाएंगे?
राज्य की तमाम खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहिए उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट से,खबरों के लिए संपर्क करें +917505446477,+919258656798