ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड में मानसून का महीना मतलब पहाड़ों पर आपदा का समय और दिन रात दिल में आपदा का खौफ ये हकीकत हैं उत्तराखंड के पहाड़ों में रह रहें जन की।
लेकिन एक हकीकत सिर्फ प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि मंत्रियों नेताओं का आपदा के बाद भी गायब रहना हैं,ऐसे में उत्तराखंड के सीधे साधे लोग मंत्री का विरोध नहीं करते बल्कि एक दूसरे की मदद करने लग जाते हैं और यदि सोमेश्वर घाटी जैसे युवा हों तो ये मदद कब मुहिम बन जाएं कह पाना मुश्किल हैं।
सोमेश्वर की रहने वाली उमा देवी जी का घर बीते सप्ताह बारिश आने के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था,ऐसे में सोमेश्वर से ही प्रदेश की मंत्री महिला एवं विकास के साथ आपूर्ति भी संभाल रही रेखा आर्य वहां नहीं पहुंची जबकि उन्हें इसीलिए चुनकर विधानसभा भेजा गया है,मामला प्रदेश की किसी दूसरी जगह का भी होता तो भी मंत्री जी को प्राथमिकता से इन जगहों पर पहुंचना था लेकिन यह तो उनके घर का मामला है खैर छोड़िए..
घर पर अकेले रहने वाली परेशान उमा देवी के लिए सोमेश्वर घाटी के जागरूक युवा चिंतित हुए उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से एक मुहिम शुरू करी और चंद्र घंटे में प्रभावित महिला के मकान के सुधारीकरण के लिए ₹40000 जुटा लिए।
आपको बताते चले कि सोमेश्वर के कुछ जागरूक युवाओं द्वारा सोमेश्वर घाटी उत्तराखंड के नाम से फेसबुक पर एक पेज बनाया गया है जिस पर वह लगातार अपने गांव की संस्कृति को उजागर करते हैं,लेकिन सिर्फ संस्कृति ही नहीं वह गांव की हर समस्या को भी इस पेज के माध्यम से रखते हैं और इस तरह के काम लगातार करते रहते हैं,इस बार भी जब उनके गांव में किसी एक के घर में आपदा आई तो उन्होंने अपनी मंत्री रेखा आर्य का कर्तव्य बखूबी खुद निभाया,उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट सोमेश्वर के सभी ऐसे युवाओं को प्रणाम करता है क्योंकि आप जैसे युवाओं द्वारा ही मानवता को जीवित रखा गया है।
वरना राज्य की राजनीति किसी भी आपदा किसी भी नागरिक प्राणी के प्रति कभी भी संवेदनशील नहीं रही है और ना ही राज्य के गांव में बैठे प्रशासनिक हाथों में इतनी क्षमता है कि तत्काल वह इस तरह से आर्थिक राशि निकालकर परिवार की मदद कर दिखाएं।
सोमेश्वर घाटी के युवाओं ने बताया की आज भी गांव में कई मकान हैं जो जर्जर स्तिथि में हैं और आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामवासीयों के लिए आपदा आने पर घर की मरम्मत कराना पहाड़ जैसा ही है,गांव में महिलाएं जैसे तैसे गाय भैंस खेती कर कुछ धनराशि बचा बमुश्किल बचा पाती हैं ऐसे में यदि अचानक कोई आपदा आएं तो उनके लिए कुछ सोचना भी कठिन हो जाता हैं,उन्होंने बताया की उमा देवी जी के लिए जो मुहिम चलाई थी उससे 40 हजार रुपए एकत्र हुए हैं जिसे आज वह उमा देवी जी को देंगे,उन्होंने कहा की उन्हें खुशी मिलती हैं जब समाज के लोग ऐसी मुहिम का हिस्सा बनकर आर्थिक सहयोग करते हैं और मुहिम का उद्देश्य पूर्ण हो जाता हैं।
सोमेश्वर घाटी के युवाओं द्वारा मंत्री रेखा आर्य और सांसद टम्टा को उमा देवी जी को मदद हेतु पत्र भी लिखा गया हैं।
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