उत्तराखंड मे भारतीय जनता पार्टी के अंदर भीतरघात होने पर प्रांत स्तर के दो नेताओं के नाम सामने आए है। वही भाजपा ने भितरघातियों पर कार्यवाही की तैयारी शुरू कर दी है।
प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर दोबारा सत्ता हासिल की है। लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2022 में 10 सीट कम रहा। इस पर पार्टी ने 23 सीटों पर हार के कारणों की समीक्षा कराई है और यह समीक्षा रिपोर्ट अनुशासन समिति को परीक्षण के लिए सौंपी भी जा चुकी है।
आपको बता दे कि इस बीच दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने भी पराजित प्रत्याशियों के साथ बैठक कर हार के कारणों समीक्षा की है। बैठक में 23 में से 19 पराजित प्रत्याशी उपस्थित थे और सभी ने अपनी-अपनी बात राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के समक्ष रखी है।
सूत्रों के अनुसार प्रत्याशी रहे कुछ नेताओं ने कहा कि यदि भितरघात नहीं होता तो पार्टी 60 पार के लक्ष्य को हासिल कर सकती थी। उन्होंने इशारों ही इशारों में हार के लिए जिम्मेदार कुछ नेताओं के नाम भी लिए। इनमें प्रांत स्तर के दो नेताओं के नाम भी बताए जा रहे हैं। इसके अलावा हार के अन्य कारणों को भी उन्होंने इंगित किया।
पराजित प्रत्याशियों की बात सुनने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन संतोष ने सभी से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में संगठन के कार्यों में जुट जाएं। साथ ही केंद्र व राज्य सरकारों के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाएं। चुनाव में हार के जो-जो भी कारण रहे, उनके समाधान को कड़े कदम भी उठाए जाएंगे।