Dehradun: अपनी प्रधानी और चुनाव में बने रहने के लिए देहरादून के डोईवाला ब्लॉक के प्रतीतनगर ग्राम पंचायत के निवर्तमान प्रधान अनिल कुमार ने क्या कुछ नहीं किया। 03 संतान होने के बाद भी उन्होंने 01 संतान को भाई को गोद देने का प्लान बनाया। ताकि आंकड़ा 02 संतान पर टिका रहे। लेकिन, जिला प्रशासन की जांच में उनकी पोल खुल गई। जिलाधिकारी सविन बंसल ने निवर्तमान प्रधान अनिल कुमार और उनकी पत्नी सरिता को पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।
दरअसल, रायवाला निवासी बबीता और प्रतीतनगर निवासी एलम सिंह ने शिकायत दर्ज कर अनिल कुमार पर तीन संतान होने का आरोप लगाते हुए पंचायतीराज मंत्री को शिकायत भेजी थी। जिसमें पंचायतीराज अधिनियम के तहत अनिल कुमार और उनकी पत्नी सरिता को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किए जाने की मांग की गई।
जिसकी जांच जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी डोईवाला को सौंपी गई। जांच में पाया गया कि तीन बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में अनिल कुमार का नाम पिता और सरिता का नाम मां के रूप में दर्ज है। तीनों बच्चों का जन्म वर्ष 2014 से 2022 के बीच पाया गया।
जांच के दौरान अनिल कुमार ने बताया कि उनकी दूसरी पुत्री के जन्म 01 जुलाई 2017 के तीन दिन के भीतर उनके सगे बड़े भाई ने उसे गोद ले लिया था। उनकी कोई संतान नहीं है, लिहाजा उन्हें दूसरे बच्चे को गोद दे दिया गया। हालांकि, वह जांच समिति के समक्ष गोदनामा और अन्य कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए। जिससे जांच समिति ने यह सिद्ध किया कि अनिल कुमार और उनकी पत्नी सरिता की तीन संतान हैं। लिहाजा, जिलाधिकारी ने दोनों को पंचायत चुनाव के लिए अयोग्य घोषित करने का आदेश जारी कर दिया।जुलाई 2024 में डीएम ने हटा दिया था पद सेसंतान की चाह में देहरादून जिले के प्रतीतनगर के ग्राम प्रधान ने ऐसी फैमिली प्लानिंग की थी कि वह खुद ही इसके लपेटे में आ गए। वर्ष 2019 के पंचायत चुनाव तक उनकी 02 संतान थी, लेकिन शपथ पत्र में उन्होंने 01 का ही जिक्र किया। 10 मार्च 2022 को उनकी तीसरी संतान हुई तो मामला खुल गया। तब शिकायत पर बैठाई गई जांच के क्रम में ग्राम प्रधान अनिल कुमार को निलंबित कर दिया गया था।प्रतीतनगर निवासी बबीता कमल ने शिकायत देकर बताया कि प्रतीतनगर के ग्राम प्रधान अनिल कुमार पिवाल की 03 संतान हैं। उनका आरोप था कि अनिल कुमार पिवाल ने पंचायत चुनाव 2019 के निर्वाचन के समय झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत किया था। तब उनकी 02 संतान थी, मगर शपथ पत्र में उन्होंने एक का ही उल्लेख किया। फिर प्रधान निर्वाचित होने के बाद 10 मार्च 2022 को उनकी तीसरी संतान भी हो गई।उत्तराखंड पंचायतीराज नियमों के अनुसार तीन संतान वाला व्यक्ति ग्राम प्रधान पद पर नहीं रह सकता है। शिकायत पर गठित टीम ने प्रकरण की जांच की। टीम ने नगर निगम ऋषिकेश, स्वास्थ्य केंद्र रायवाला, आंगनबाड़ी, व स्वास्थ्य केंद्र मसूरी से भी जानकारी जुटाई। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित की थी।तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान ने अनिल कुमार प्रथम द्रष्टया उनको दोषी पाया था। साथ ही उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए। जिसके बाद जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी गई थी। इसी क्रम में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। अंतिम जांच के लिए कमेटी उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई थी। जिसकी रिपोर्ट पर अब जिलाधिकारी ने अनिल कुमार और उनकी पत्नी को चुनाव लड़ने के लिए बाधित कर दिया।