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उत्तराखंड के तीर्थयात्रियों और पर्यटन क्षेत्र के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इन रोपवे परियोजनाओं के निर्माण से श्रद्धालुओं को यात्रा में बहुत राहत मिलेगी और समय की भी बचत होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा,
“बधाई हो उत्तराखंड! पीएम मोदी जी की पर्वतमाला परियोजना के तहत ₹4,081.28 करोड़ की लागत से सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) और ₹2,730.13 करोड़ की लागत से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब (12.4 किमी) रोपवे परियोजनाओं को स्वीकृति देने के लिए समस्त प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक आभार।”
तीर्थयात्रियों के लिए वरदान साबित होंगी ये परियोजनाएं
केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा अब तक पैदल मार्ग के माध्यम से की जाती रही है, जिसमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इन रोपवे परियोजनाओं के निर्माण से यात्रा बेहद सुगम हो जाएगी।
- केदारनाथ रोपवे (सोनप्रयाग से केदारनाथ): 12.9 किमी लंबी इस रोपवे परियोजना पर ₹4,081.28 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इससे सोनप्रयाग से केदारनाथ पहुंचने का समय 6-7 घंटे से घटकर मात्र 30-40 मिनट रह जाएगा।
- हेमकुंड साहिब रोपवे (गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब): 12.4 किमी लंबी इस परियोजना पर ₹2,730.13 करोड़ खर्च किए जाएंगे, जिससे गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब की यात्रा लगभग 45 मिनट में पूरी की जा सकेगी।
पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
इन रोपवे परियोजनाओं से ना केवल तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय कारोबारियों को भी बड़ा लाभ होगा। होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी और अन्य पर्यटन आधारित व्यवसायों में वृद्धि होगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह परियोजना उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को और ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी और श्रद्धालुओं के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक बनेगी।
परियोजनाओं से जुड़ी मुख्य बातें:
✅ केदारनाथ रोपवे की लंबाई – 12.9 किमी
✅ हेमकुंड साहिब रोपवे की लंबाई – 12.4 किमी
✅ केदारनाथ रोपवे की अनुमानित लागत – ₹4,081.28 करोड़
✅ हेमकुंड साहिब रोपवे की अनुमानित लागत – ₹2,730.13 करोड़
✅ यात्रा का समय घटकर 30-45 मिनट रह जाएगा
✅ श्रद्धालुओं को कठिन पैदल यात्रा से मिलेगी राहत
✅ पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को होगा जबरदस्त फायदा
इस फैसले से उत्तराखंड में पर्यटन और धार्मिक यात्रा के एक नए युग की शुरुआत होगी। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा अब पहले से कहीं अधिक सरल, सुरक्षित और सुविधाजनक हो जाएगी।