देहरादून, 13 मार्च 2025 (सू.वि.) – उत्तराखंड में भू-कानून को सख्ती से लागू करने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने अवैध भूमि खरीद-फरोख्त और नियमों के उल्लंघन पर सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन ने 200 हेक्टेयर भूमि को राज्य सरकार में निहित कर दिया और 280 मामलों का निपटारा फास्टट्रैक प्रक्रिया के तहत किया।
बाहरी व्यक्तियों की अवैध भूमि खरीद पर बड़ी कार्रवाई
प्रदेश के बाहर के व्यक्तियों द्वारा बिना अनुमति 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदने या अनुमति लेकर भी भूमि का निर्धारित समय में उपयोग न करने पर जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है।
उत्तराखंड जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154 (4)(3)(क), 154 (4)(3)(ख), 166 और 167 के तहत कार्रवाई करते हुए:
- तहसील ऋषिकेश में – 21.89 हेक्टेयर
- तहसील डोईवाला में – 2.82 हेक्टेयर
- तहसील सदर में – 68.84 हेक्टेयर
- तहसील विकासनगर में – 107.12 हेक्टेयर भूमि को राज्य सरकार में निहित किया गया।
भूमि का गलत इस्तेमाल: होमस्टे और फार्म हाउस बने निशाना
प्रशासन की जांच में पाया गया कि बाहरी व्यक्तियों ने भूमि खरीदने के बाद उसे होमस्टे, फार्म हाउस और अन्य निजी उपयोगों के लिए इस्तेमाल किया, जिससे राज्य के नागरिकों को भूमि खरीदने में कठिनाई हो रही थी और भूमि के दाम तेजी से बढ़ रहे थे।
भू-कानून के तहत सख्त फैसले
देहरादून में अवैध भूमि खरीद पर रोक लगाने के लिए सरकार ने नए भू-कानून को कड़ाई से लागू किया है। इस कानून के तहत बिना अनुमति बाहरी व्यक्तियों द्वारा भूमि खरीद और गलत इस्तेमाल पर जमीन को राज्य सरकार में निहित करने की कार्रवाई जारी रहेगी।
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि संबंधित पक्षों को अदालती नोटिस जारी किए गए हैं, और यदि वे निर्धारित समय में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो जमीन का मालिकाना हक स्थायी रूप से राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक बताया और कहा कि राज्य के नागरिकों के हित में भू-कानून को पूरी सख्ती से लागू किया जाएगा।