देहरादून। पुलिस ने एक अन्तर्राज्जीय नकल गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना आपूष कुमार पाठक व एक अन्य किशोरी को गिरफ्तार किया है। गिरोह परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों की जगह ‘साल्वर’ (डुप्लीकेट) उतारने के साथ-साथ प्रवेश पत्रों में फर्जी फोटो अपलोड कर रहा था। कार्रवाई में तीन मोबाइल फोन और परीक्षा शुल्क के रूप में ली गई 1 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई है।
घटना की शुरुआत तब हुई जब केन्द्रीय विद्यालय ओएनजीसी, देहरादून में आयोजित सीबीएसई भर्ती परीक्षा के दौरान एक अभ्यर्थी गौतम कुमार पासवान की आईडी और बायोमेट्रिक में विसंगति पाई गई। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने अपना स्थान किसी दूसरे को देकर परीक्षा दिलवाई है। इस सूचना पर कोतवाली कैंट पुलिस ने मुकदमा धारा 61(2), 319(2), 318(4), 336(3) भादवि के अंतर्गत दर्ज कर जांच शुरू की।
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी आपूष कुमार पाठक (22) ने बताया कि वह प्रयागराज में रहकर खुद भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था, लेकिन बिहार‑झारखंड के दबंग साल्वर प्रणव कुमार के संपर्क में आकर इस धांधली की योजना में शामिल हो गया। गांठ तो इतनी कस ली गई थी कि पहले भी कई परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की जगह पैसे लेकर साल्वर उतार चुका था।
पुलिस के मुताबिक, गिरोह फर्जी ‘साल्वर’ और असली अभ्यर्थी दोनों की तस्वीरों को तकनीकी एप्लिकेशन से जोड़कर एक ऐसा फोटो बनाता था कि प्रवेश पत्र में अपलोड होने पर पहचान संभव न रहती। पेपर से पहले नकली फोटो वाले एडमिट कार्ड बनवाने के लिए गिरोह 10 लाख रुपये तक वसूलता था, जिसमें से एक लाख रुपये अग्रिम रूप में ले लिए जाते थे और शेष पैसे अभ्यर्थी की ज्वॉइनिंग के बाद मिलते थे।
संबंधितों ने बताया कि गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों के अलावा गिरोह के कई सदस्य बिहार व झारखंड में सक्रिय हैं। पुलिस ने इस वारदात से जुड़े अन्य साथियों की तलाश शुरू कर दी है और जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा करने का दावा किया है।