एक फेसबुक पोस्ट ने उत्तराखंड में बवाल खड़ा कर दिया है। हाईकोर्ट के एक वकील द्वारा सोशल मीडिया पर की गई अभद्र टिप्पणी से राज्य आंदोलनकारियों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। वकील ने पोस्ट में न केवल चंपावत के एक विद्यालय संचालक रणदीप पोखरिया के प्रति आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया, बल्कि उत्तराखंडवासियों के “मुंह पर यूरिन करने” जैसी बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी भी की है।
इस शर्मनाक टिप्पणी के खिलाफ राज्य आंदोलनकारियों ने मोर्चा खोल दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व छात्र नेता हुकुम सिंह कुंवर समेत दर्जनों आंदोलनकारियों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मिश्र को व्हाट्सएप के माध्यम से पत्र भेजते हुए संबंधित वकील के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।
आंदोलनकारियों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे। इस पूरे मामले ने प्रदेश की जनता की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है और सोशल मीडिया पर भी इस वकील की जमकर निंदा हो रही है।
व्हाट्सएप के माध्यम से FIR की मांग करने वालों में प्रमुख नाम हैं—भास्कर बृजवासी, डॉ. केदार पलाड़िया, डॉ. बालम सिंह बिष्ट, बृजमोहन सिंह सिजवानी, नरेश पंत, भुवन तिवारी, संतोष गौड़, घनश्याम वर्मा, योगेश कांडपाल, उमेश बेलवाल, रंजन पंत और अजय कृष्ण गोयल।
सभी का एक ही स्वर है—”उत्तराखंड का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”