PWD लोहाघाट खंड में अनोखा मामला आया सामने
(PWD Lohaghat Division Strange Incident)
देवभूमि उत्तराखंड (Devbhoomi Uttarakhand) के लोहाघाट में लोक निर्माण विभाग (Public Works Department – PWD) से जुड़ा एक बेहद अनोखा और चर्चा में रहने वाला मामला सामने आया है। यहां राष्ट्रीय राजमार्ग खंड (National Highway Division) में एक सेवा पुस्तिका (Service Book) के गायब हो जाने के बाद उसे खोजने के लिए धार्मिक आस्था (Religious Faith) का रास्ता अपनाया जा रहा है।
वायरल चिट्ठी में देवी-देवताओं से मदद की अपील
(Viral Letter Seeking Divine Intervention)
सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी तेज़ी से वायरल हो रही है, जिसमें बताया गया है कि विभाग के अपर सहायक अभियंता (Assistant Engineer) ई. जय प्रकाश की सेवा पुस्तिका लापता हो गई है। अब इसे खोजने के लिए मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है।
चावल चढ़ाने की अनोखी परंपरा अपनाई गई
(Rice Offering Ritual in Temple for Missing Document)
सूत्रों के अनुसार, 17 मई को कार्यालय में तैनात सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने घर से दो-दो मुट्ठी चावल (Rice Offerings) लाएंगे। इन चावलों को मंदिर में चढ़ाकर देवता से प्रार्थना की जाएगी कि वे गायब दस्तावेज़ की जानकारी दें।
विभाग की ओर से नहीं हुई पुष्टि
(No Official Confirmation from Department)
हालांकि, अभी तक विभाग की ओर से इस वायरल चिट्ठी की आधिकारिक पुष्टि (Official Confirmation) नहीं की गई है। संबंधित अधिकारियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिससे इसकी सत्यता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
Faith vs Process: सवालों के घेरे में सरकारी कार्यप्रणाली
(Faith-Based Action Raises Questions on Bureaucratic Procedure)
सरकारी कार्यालयों में किसी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ के गायब होने की स्थिति में सामान्यतः प्रशासनिक जांच (Administrative Inquiry) और कानूनी प्रक्रिया (Legal Procedure) अपनाई जाती है। लेकिन इस मामले में धार्मिक आस्था के ज़रिए समाधान तलाशना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
(Mixed Reactions on Social Media)
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया (Social Media Reactions) पर बहस तेज हो गई है। कुछ लोग इसे आस्था का प्रतीक (Symbol of Faith) बता रहे हैं, तो कुछ इसे सरकारी व्यवस्था की विफलता (Administrative Failure) करार दे रहे हैं।
17 मई के आयोजन पर टिकी सबकी निगाहें
(All Eyes on May 17 Ritual Outcome)
अब सबकी नजरें 17 मई को मंदिर में होने वाले आयोजन पर टिकी हैं। देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस अनूठी धार्मिक प्रक्रिया (Unique Ritual Process) से वाकई में गायब सेवा पुस्तिका का कुछ पता चलता है या नहीं।