गर्दन में लोहे की छड़ घुसने से हुई गंभीर चोट, डॉक्टरों ने बचाई जान
उत्तर प्रदेश के मंगलौर निवासी 45 वर्षीय एक मजदूर की जिंदगी उस समय संकट में पड़ गई, जब निर्माण कार्य के दौरान एक लोहे की छड़ दुर्घटनावश उसकी गर्दन के आर-पार हो गई। यह दर्दनाक हादसा 4 मई 2025 को हुआ, जब पीड़ित एक ट्रक से सामान उतार रहा था। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चोट की गंभीरता को देखते हुए उसे श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, देहरादून रेफर कर दिया गया।
Emergency Life-Saving Surgery: गर्दन की जटिल सर्जरी रही सफल
Mahant Indresh Hospital Dehradun के ENT and Head-Neck Surgery Department की टीम ने इस चुनौतीपूर्ण केस को बखूबी संभाला। विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. त्रिप्ती ममगाईं के अनुसार, मरीज को अत्यधिक रक्तस्राव के कारण शॉक की स्थिति में इमरजेंसी में लाया गया था।
Neck Exploration Surgery से मिला जीवनदान
आपातकालीन स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने तुरंत ‘Neck Exploration Surgery’ का निर्णय लिया। जांच में पता चला कि मरीज की Internal Jugular Vein लगभग 5 सेमी तक फट चुकी थी और Recurrent Laryngeal Nerve को भी नुकसान पहुंचा था। साथ ही गर्दन की सामान्य संरचना बुरी तरह से प्रभावित हुई थी।
ENT Specialists in Dehradun ने दिखाया असाधारण कौशल
डॉ. त्रिप्ती एम. ममगाईं और प्रो. डॉ. अरविंद वर्मा की अगुवाई में एक अनुभवी टीम ने इस Critical Neck Injury Case को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। टीम में डॉ. शरद हरनोट, डॉ. ऋषभ डोगरा, डॉ. फात्मा अंजुम, डॉ. हर्षित गुप्ता, और डॉ. आरुषि कोठारी शामिल थे।
Anesthesia Team से डॉ. रुबिना मक्कर और जूनियर रेजिडेंट डॉ. तमिश ने भी ऑपरेशन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑपरेशन के दौरान Nursing Staff से सिस्टर डोलमा और पिंकी ने सहयोग किया।
Time-Sensitive Surgery Saved a Life
डॉ. त्रिप्ती ममगाईं के अनुसार, गर्दन की बड़ी रक्तवाहिनी और तंत्रिका तंत्र की ऐसी गंभीर चोटें दुर्लभ होती हैं और यदि समय रहते इलाज न हो, तो यह जानलेवा साबित हो सकती हैं। सही समय पर लिया गया निर्णय और टीमवर्क की बदौलत मरीज की जान बचाई जा सकी।
Patient Discharged in Stable Condition
सर्जरी के बाद मरीज अब पूरी तरह Stable and Safe है। कुछ दिनों के निरीक्षण के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। यह केस चिकित्सा विज्ञान की दृष्टि से एक उल्लेखनीय सफलता है।